देहरादून: कोरोना महामारी के चलते चार धाम यात्रा बंद रहने से सूबे की अर्थव्यवस्था को भारी हानि पहुंची थी। वही इस वर्ष चारधाम यात्रा तय वक़्त पर आरम्भ हुई तो सनातन धर्म के लोगों में इसे लेकर खूब उत्साह दिखाई दे रहा है। 3 मई से आरम्भ हुई चार धाम यात्रा के चलते अब तक 9 लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा केदार, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री तथा यमुनोत्री पहुंचकर दर्शन-पूजन किए हैं।
वही भक्तों की संख्या के साथ चारधाम यात्रा के चलते स्वाभाविक और अन्य वजहों से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, चारधाम यात्रा के चलते अब तक 63 भक्तों की मौत हुई है। कहा जा रहा है कि भक्तों की मौत के सबसे ज्यादा मामले केदारनाथ यात्रा के दौरान दर्ज किए गए हैं।
प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, केदारनाथ यात्रा के चलते कुल 63 में से 30 मौतें हुई हैं। यमुनोत्री में 19, बद्रीनाथ में 12 तथा गंगोत्री में चार भक्तों की मौत हुई है। चारधाम यात्रा के समय हुई तीर्थयात्रियों की मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण दिल का दौरा पड़ने को बताया जा रहा है। वही हाल ही में प्रशासन की तरफ से ये जानकारी दी गई थी कि चारधाम यात्रा के चलते जो मौतें हुई हैं, उनमें से ज्यादातर के पीछे दिल का दौरा पड़ना कारण रहा है। वही भारी वर्षा तथा भूस्खलन की वजह से केदारनाथ यात्रा रोक दी गई थी। केदारनाथ धाम के लिए निकले भक्तों को सोनप्रयाग तथा गौरीकुंड में ही रोक दिया गया था। आज मौसम साफ हुआ है। मौसम साफ होने के पश्चात् सोनप्रयाग और गौरीकुंड से भक्तों के दल को केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। खबर के अनुसार, लगभग 8 हजार भक्त आज केदारनाथ धाम के लिए रवाना किए गए हैं।
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