शिवपुरी/ग्वालियर : बचपन के दोस्त जब मिलते है तो पुराणी बाते करते है. मस्ती करते है, लेकिन मध्यप्रदेश के शिवपुरी में बचपन के 7 दोस्त आपस में मिले तो वारदात करने लगे. महंगे शौक, अय्याशी वाली लाइफ जीने के लिए इन सभी ने नकली नोट छपने का कारोबार शुरू कर दिया. हैरान करने वाली बात यह है कि ये सभी लड़के पढ़े लिखे है. इनमे कोई इंजिनियर है, कोई वकील, तो कोई सिपाही. पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
जानकारी के मुताबिक शिवपुरी के करैरा पुलिस ने नकली नोट छपने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 7 लोगो को हिरासत में लिया. सभी आरोपी बचपन के दोस्त बताए जा रहे है जो मछावली गांव में नकली नोट छापकर खपाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 80 हजार 700 रु. के नकली जब्द किए. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी पढ़े लिखे और वेल क्वालीफाई है. इनमे कोई इंजिनियर है तो कोई वकील है. कोई सिपाही है तो कोई बीएससी की पढाई कर रहा है.
इस गिरोह का मास्टरमाइंड 20 वर्षीय पॉलीटेक्निक इंजिनियर है जो कंप्यूटर और प्रिंटर की मदद से नकली नोट छपने का काम करता था. बाकि के सभी लोग नकली नोट को खपाने का काम करते थे. गिरोह के मास्टरमाइंड ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके पिता करैरा के अच्छे वकील है और वह भोपाल में रहकर पढाई करता था. महंगे शौक और शराब की आदत की वजह से उसके ऊपर लाखो रुपए का कर्ज हो गया था. कर्ज चुकाने के लिए उसके दिमाग में नकली नोट छपने का आईडिया आया. पुलिस ने इनके कब्जे से 80 हजार 700 के नकली नोट जब्द किए जिनमे 100, 500, 2000 के नकली शामिल है.
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