आप जानते ही होंगे कि जिस प्रकार भगवान शिव के पूजन एवं शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बिल्वपत्र और उसके वृक्ष का महात्म्य है. जी हाँ, ठीक उसी प्रकार बिल्वपत्र के वृक्ष की जड़ का भी विशेष महत्व माना जाता है. कहते हैं इसे पूजन के साथ-साथ औषधि के रूप में प्रयोग क्र सकते हैं और आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
1. कहते हैं बिल्वपत्र के वृक्ष को श्रीवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है और इस पेड़ की जड़ को पूजनीय माना जाता है. इसी के साथ इसमें मां लक्ष्मी का साक्षात वास होता है.
2. कहा जाता है बिल्व की जड़ के पास किसी शिवभक्त को घी सहित अन्न, खीर या मिष्ठान्न दान करता है, वह कभी दरिद्रता या धनाभाव से ग्रसित नहीं हो सकता है.
3. कहते हैं बिल्वपत्र की जड़ का पूजन करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है, और शिव की कृपा प्राप्त मिल जाती है.
4. कहा जाता है अगर संतान सुख चाहिए तो फूल, धतूरा, गंध और स्वयं बिल्वपत्र चढ़ाकर इस वृक्ष के जड़ का पूजन कर सकते हैं क्योंकि इससे भी संतान सुखों की प्राप्ति होती है।
5. कहते हैं बिल्वपत्र की जड़ का जल अपने माथे पर लगाने से समस्त तीर्थयात्राओं का पुण्य प्राप्त मिल जाता है.
6. कहा जाता है बिल्वपत्र की जड़ को पानी में घिसकर या उबालकर औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है और कष्टकारी रोगों में भी यह अमृत के समान लाभकारी माना जाता है.
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