श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकवादी हमलों की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। हाल ही में गांदरबल में एक आतंकी हमले में बाहरी मजदूरों और एक डॉक्टर सहित 7 लोगों की हत्या की गई थी। इसी बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस की खुफिया यूनिट को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने मंगलवार को घाटी के 7 जिलों में एक साथ 10 ठिकानों पर छापेमारी कर 8 लोगों को हिरासत में लिया। इन गिरफ्तारियों से पता चला कि लश्कर-ए-तैयबा एक नए आतंकवादी संगठन, ‘तहरीक लबैक या-मुस्लिम’, का निर्माण करने की कोशिश में था।
काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर के एसपी ताहिर अशरफ भट्टी ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि की है। पुलिस के अनुसार, लश्कर के एक आतंकवादी कमांडर, जिसे ‘बाबा हमास’ या ‘गाजी हमास’ कहा जाता है, इस योजना का मुख्य संचालक था। उसके असली नाम की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन हिरासत में लिए गए युवाओं ने खुलासा किया कि बाबा हमास सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं से जुड़ा हुआ था और उन्हें कट्टरपंथी सामग्री भेजता था। इस नेटवर्क के कुछ सदस्यों को पाकिस्तान से भेजा गया था, जिन्होंने घाटी में घुसपैठ की। गांदरबल के आतंकी हमले में भी इन्हीं का हाथ होने का शक है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस हमले को लेकर कहा था कि इसमें दो विदेशी आतंकियों की संलिप्तता का पता चला है, जो उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा इलाके से घुसे थे। पुलिस के बयान के अनुसार, बाबा हमास पाकिस्तान से सक्रिय था और तहरीक लबैक या-मुस्लिम नामक संगठन के माध्यम से घाटी के युवाओं को आतंकवाद में शामिल करने की कोशिश कर रहा था। पाकिस्तानी एजेंसियों से भी उसे मदद मिल रही थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य कश्मीर में आतंकवाद को नए रूप में खड़ा करना था, खासतौर पर चुनावी सफलता और नई सरकार के गठन के बाद घाटी में अस्थिरता फैलाने का संदेश देना।
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