लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और उनके भाई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रहीं हैं. गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट आज 18 साल बाद बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड में दर्ज गैंगस्टर मामले में मुख्तार और अफजाल के खिलाफ फैसला सुनाने वाली है. इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में तारीख को बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दिया गया था.
Statement of #AlkaRai, wife of self MLA #KrishnanandRai regarding the upcoming decision against #Ansari brothers
— Siddhant Anand (@JournoSiddhant) April 29, 2023
This is a matter of the court and I believe in the decision of the court.
Same in the case of #AtiqueAhmad , Alka Rai said Whatever has happened it is in front of you… pic.twitter.com/AHKLrzuSAP
बता दें कि, गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी में नवंबर 2005 को तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानन्द राय सहित 7 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. उस समय यूपी में मुलायम सिंह के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार थी। इसके बाद जब सरकार बदली और मायावती सीएम बनीं, तब जाकर 2 साल बाद इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और जीजा एजाजुल हक के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. मुख़्तार के जीजा एजाजुल हक का इंतकाल हो चुका है.
साल 2012 में शुरू हुआ था ट्रायल:-
कृष्णानंद राय की हत्या के 7 साल बाद इस मामले में 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल आरंभ हुआ. 1 अप्रैल को इस मामले में अंतिम बहस पूरी हुई थी. इसके बाद न्यायाधीश ने फैसले के लिए 15 अप्रैल की तारीख मुक़र्रर की थी. गैंग चार्ट में अफजाल अंसारी पर कृष्णानन्द राय हत्याकांड का मामला दर्ज है, जबकि मुख्तार अंसारी के खिलाफ इसके अतिरिक्त एक अन्य मामला रूंगटा अपहरण और हत्याकांड का मामला है. ADGC क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने बीते दिनों बताया था कि गैंगेस्टर मामले में अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है. वहीं, अफजाल अंसारी ने पहले भी कहा था कि इस मामले में वह बरी हो चुके हैं और वह इसी मामले में उच्च न्यायालय भी गए थे, मगर उन्हें राहत नहीं मिली थी. बता दें कि, माफिया मुख्तार अंसारी के मामले में 10 गवाहों की, जबकि अफजाल अंसारी के मामले में 7 गवाहों की गवाही इस मामले में ट्रायल के दौरान हो चुकी है.
कृष्णानंद राय के काफिले पर हुई थीं 500 राउंड फायरिंग:-
बता दें कि, गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन भाजपा MLA कृष्णानंद राय समेत कुल 7 लोगों को सरेआम गोलियों से भून दिया गया था. चुनावी दुश्मनी के चलते इस हत्या को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था. दरअसल, जिस मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर अंसारी बंधुओं की तूती बोलती थी, उस सीट से कृष्णानंद राय ने 2002 चुनाव में मुख़्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था. जिससे मुख़्तार और अफजाल आगबबूला थे। बता दें कि, कृष्णानंद राय की हत्या उस वक़्त की गई, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किए गए थे. जब वह मैच का उद्घाटन कर वापस लौट रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड गोलीबारी कर दी थी. दिनदहाड़े बीच सड़क पर हुई इस गोलीबारी में 7 लोगों की जान चली गई थी, अकेले कृष्णानंद राय के शरीर से लगभग 67 गोलियां निकाली गई थीं।
Congress Gangster Mukhtar Ansari connection
— STAR Boy (@Starboy2079) April 22, 2023
Yesterday Punjab govt made sensational accusation on previous Punjab Congress govt
1. Congress govt filed fake FIR n kept Mukhtar in Punjab for 2.5 years to save him from UP govt
2. Congress gave him 5 star facilities in Jail
1/2 pic.twitter.com/NwDtfwwDiP
मुख़्तार अंसारी का कांग्रेस से संबंध:-
बता दें कि, मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। और 10 साल तक देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं। बता दें कि, हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय RAW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे। कांग्रेस से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को अपनी जेल में रोके रखने के लिए हर संभव कोशिश की थी। बाद में पता चला था कि, पंजाब सरकार मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। पंजाब की AAP सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए। बता दें कि, मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। अब पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी मुख़्तार के ऐशो आराम पर खर्च किए गए 55 लाख रुपए चुकाने से साफ़ इंकार कर दिया है, उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस सरकार ने एक माफिया के ऊपर जो भी खर्च किया है, उसका भुगतान वो सरकारी ख़ज़ाने से कतई नहीं करेंगे।
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