देश में एक ऐसा दौर चल रहा है, जहाँ लड़किया खुद को बिलकुल भी सेफ फील नहीं करती. आए दिन ख़बरों, सोशल मीडिया पर बलात्कार की ख़बरें सुनने को मिल जाती है. लेकिन आज जिस खबर के बारे में आपको बताने जा रहे है उसके बारे में सुनकर आप चौंक जाएंगे. हैदराबाद में मात्र 7 साल के एक लड़के पर 4 साल की लड़की का शोषण करने का मामला सामने आया है.
दरअसल हुआ यूँ कि, हैदराबाद शहर में एक ट्यूशन सेंटर में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. वहीं 7 साल का लड़का और और 4 साल की लड़की भी पढ़ने जाते थे. शनिवार को भी रोजाना की तरह दोनों मासूम पढ़ने के लिए गए, उस दिन कुछ काम से टीचर जैसे ही ट्यूशन से बाहर निकली, लड़का उठकर लड़की के पास आया और उसने अपने पास रखी हुई पेन्सिल को लड़की के प्राइवेट पार्ट में डाल दी. इसके बाद ही प्रिया दर्द से तड़प उठी और उसके प्राइवेट पार्ट से खून बहने लगा, उसे हॉस्पिटल ले जाय गया और उसके माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत के बाद दोनों बच्चों को काउंसलिंग के लिए एक मनोवैज्ञानिक के पास ले जाया गया. यहाँ पर लड़के से बात करने पर उसने बताया कि उसे तो यौन शोषण का मतलब ही नहीं पता था. उसके मन में बस ये जानने की जिज्ञासा थी कि लड़कियों का प्राइवेट पार्ट, लड़कों के प्राइवेट से कैसे अलग होता है. 7 साल के राहुल पर पाक्सो एक्ट के तहत भी मुकदमा नहीं चल सकता क्योंकि पाक्सो में भी उम्र की सीमा 11 से अधिक होनी चाहिए. इस घटना में गलती न लड़के की है न ही लड़की की है, गलती है इस समाज के जिसने इन बच्चों को एक ऐसा माहौल दिया है जहाँ पर चारो ओर शोषण ही शोषण ही सुनाई देता है.