नए सत्र 2020 से खादी की बनी यूनीफार्म वितरित की जाएगी. बता दे कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ में से 70 लाख विद्यार्थियों को हथकरघा व वस्त्रोद्योग विभाग और खादी बोर्ड के माध्यम से इनकी स्कूलों में सप्लाई की जाएगी. खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने इसे लेकर सोमवार को बैठक की. 15 जून तक हर हाल में यूनीफार्म तैयार कर ली जाएंगी. एक जुलाई से इसका वितरण शुरू होगा. वहीं अगले शैक्षिक सत्र 2021-22 से सभी विद्यार्थियों को खादी की बनी यूनीफार्म का वितरण होगा.
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यूनीफार्म का वितरण होने से परिषदीय स्कूलों में खादी की बनी बुनकरों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और बिचौलियों द्वारा लिए जाने वाले कमीशन पर भी अंकुश लगेगा. खादी के वस्त्रों को बढ़ावा मिलेगा. मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अभी चार जिलों के सात ब्लाक में खादी बोर्ड के माध्यम से यूनीफार्म का वितरण करवाया गया है. आगे चरणबद्ध ढंग से सभी विद्यार्थी खादी की बनी यूनीफार्म पहनेंगे. 15 फरवरी तक यूनीफार्म से संबंधित प्रस्तुतिकरण तैयार करने के निर्देश उन्होंने दिए. बैठक में प्रमुख सचिव (हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग) रमारमण, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद भी मौजूद रहे.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरकारी प्राइमरी स्कूलों को चमकाने में प्रवासी भारतीय (एनआरआइ) मदद करेंगे. वह स्कूलों को गोद लेंगे और वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे. ब्रिटिश काउंसिल द्वारा बीती 19 जनवरी से 24 जनवरी तक लंदन में आयोजित हुए एजूकेशन वल्र्ड फोरम में प्रतिभाग कर वापस लौटे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने यह जानकारी दी. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कई प्रवासी भारतीय अपने गांव के स्कूलों में बेहतर सुविधाएं देना चाहते हैं. कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत वह सरकारी स्कूलों को गोद लेंगे. वहीं माइक्रोसॉफ्ट व गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां ई लर्निंग में मदद करेंगी.
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