भोपाल। 70 हजार से ज्यादा मध्यप्रदेश के बिजलीकर्मी आज से हड़ताल पर बैठ गए है। उन्होंने सभी काम करने से इंकार कर दिया न तो वह लोग किसी को नया बिजली कनेक्शन दे रहे न ही फाल्ट लाइट सुधार रहे है। जिसके चलते आम लोगो की मुश्किलें बढ़ने की सम्भावना है। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनर तले यह हड़ताल की जा रही है। आज, सुबह 11 बजे से गोविंदपुरा भोपाल में धरने पर बैठे है। आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा पहले से ही धरना दिया जा रहा है, जिसका समर्थन यूनाइटेड फोरम भी कर चुका है। हड़ताल के चलते ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि, इस मुद्दे पर बैठकर चर्चा की जाएगी।
भोपाल के गोविंदपुरा में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसके चलते 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा हैं। फोरम के प्रवक्ता ने बताया, हड़ताल के चलते 24 जनवरी से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर दिया गया है। इस महाआंदोलन में प्रदेश के बोर्ड, नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों को पूरा कराने के के लिए शामिल हो रहे हैं।
कर्मचारियों की 5 सूत्रीय मांगे है कि, संविदा बिजलीकर्मियों को तुरंत नियमित कर दिया जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों को संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के मुताबिक़ वेतन दिया जाए और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नीति भी बनाई जाए। दुर्घटना बीमा भी 20 लाख रुपए तक कर दिया जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए ताकि, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी और उनके परिवार को किसी भी प्रकार की तकलीफ का सामना न करना पड़े। कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का निरीक्षण करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कैशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी जारी की जाए।
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