खंडवा। शहर में बेमौसम हुई भारी वर्षा से किसानों द्वारा लगाई गई प्याज की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। वही किसान नष्ट हुई प्याज की फसल को समेटने को मजबूर हो रहे हैं। जितनी मेहनत उन्होंने प्याज की खेती बोने में की थी, उतनी ही मेहनत उनको इस ख़राब हुई फसल को निकालने में लग रही है। जिसकी अब कोई कीमत नहीं बची। अब तक जिले में 700 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। खंडवा में उद्यानिकी विभाग की टीम खेतों में सर्वे कर रही है।
बेमौसम हुई वर्षा ने खेतों में प्याज को सड़ा दिया। अब हालात यह हैं कि किसान खेतों से प्याज समेटकर फेंक रहे हैं। जिले में खंडवा, छैगांवमाखन और पंधाना ब्लाक में प्याज की खेती सबसे अधिक होती है। एक एकड़ में किसान को प्याज की बुआई करने में करीब 60 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है। उद्यानिकी विभाग के मुताबिक वर्षभर में जिले में दस हजार हेक्टेयर में प्याज बोई जाती है। रबी सीजन में प्याज का रकबा करीब दो हजार हेक्टेयर का होता है। वर्षा से नष्ट हुई फसल का सर्वे हर गांव में किया जा रहा है। सर्वे टीम में राजस्व विभाग के पटवारी भी शामिल हैं। राजस्व विभाग द्वारा किसानों को नष्ट हुई प्याज की फसल का मुआवजा दिया जाएगा।
किसान संघ के उपाध्यक्ष सुभाष पटेल के मुताबिक जिन किसानों ने खेतों से उखाड़कर प्याज खेत में रखी थी वह भी पूरी तरह से नष्ट हुई है। साथ ही खेतों में लगी फसल भी नष्ट हुई है। जिला प्रशासन द्वारा खेतों में सर्वे तो किया जा रहा है लेकिन किसान संघ की सरकार से यह मांग है कि किसानों को मुआवजा समय पर दिया जाए।
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