भारत में स्वच्छ भारत मिशन ज़ोरों पर चल रहा है, बावजूद इसके अभी भी करोड़ों लोग खुले में शौच करते हैं. इनमें महिलाओं और लड़कियों की स्थिति और भी दयनीय है.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत काफी संख्या में शौचालय बनने के बावजूद 73.2 करोड़ से ज्यादा लोग या तो खुले में शौच करते हैं या फिर असुरक्षित या अस्वच्छ शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें महिलाओं और लडकियों की हालत और भी ख़राब है. वाटर एड्स की स्टेट ऑफ द वर्ल्ड टॉयलेट्स 2017 रिपोर्ट कहती है कि भारत में करीब 35.5 करोड़ महिलाएँ और लड़कियाँ खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
आउट ऑफ ऑर्डर शीर्षक वाली रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों को आधार बनाकर बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अक्टूबर, 2014 से नवंबर, 2017 के बीच 5.2 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया. लेकिन तब भी खुले में शौच को कम करने और बुनियादी साफ-सफाई की स्थिति में सुधार की ज़रूरत वाले देशों की सूची में भारत 10 शीर्ष देशों में शामिल है. भारत के बाद चीन का नंबर आता है. रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक रूप से तीन में से एक व्यक्ति के पास अब भी शौचायल की सुविधा नहीं है.
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