नई दिल्ली: इस वर्ष अकेले उत्तर प्रदेश से 10 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, इसलिए अधिकतर सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी। सबसे अधिक नुकसान यहां समाजवादी पार्टी को होगा। अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों का सीधा असर राज्यसभा चुनाव पर पड़ेगा। राज्य विधानसभाओं का अंकगणित इस बार भाजपा के विपरीत जा रहा है।
आंकड़ों से स्पष्ट है कि भाजपा अपने सदस्यों की तादाद में इजाफा नहीं कर पाएगी, जिससे राज्यसभा में वह बहुमत से दूर ही रहेगी। जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सदस्य संख्या में इजाफा होगा। उल्लेखनीय है कि 2018 और 2019 में भाजपा को कुछ राज्यों में शिकस्त का सामना करना पड़ा है, जिसका सीधा असर राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव नतीजों पर पड़ेगा।
दूसरी ओर, कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों की स्थिति 245 सदस्यीय राज्यसभा में सुधरेगी। इस वक़्त भाजपा के राज्यसभा में 83, और कांग्रेस के 46 मेंबर हैं। समीकरण के हिसाब से राज्यसभा में भाजपा की तादाद 83 के आसपास बनी रहेगी और सदन में बहुमत की उसकी आस फिलहाल पूरी नहीं हो सकेगी। इस वर्ष राज्यसभा से कई दिग्गजों का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है, इस वजह से कई सीटें खाली रह जाएंगी ।
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