उत्तराखंड के जोशमीठ में चीन सीमा के करीब आए एवलांच में अबतक 8 लोगों की जान जाने की खबर सामने आई। सेना की तरफ से चलाए जा रहे ऑपरेशन में अबतक भारी बर्फ में दबे 384 लोगों को रेस्कयू किया जा चुका है। बचाए गए लोगों में 6 की हालत बहुत गंभीर कही गई है। इन सभी लोगों में अधिकतर BRO के जवान और मजदूर शामिल हैं। खबर लिखे जाने तक बचाव और राहत का कार्य जारी था।
बर्फीले तूफान की चपेट में आए जीआरईएफ के कैंप: शुक्रवार को जोशीमठ के करीब सुमना क्षेत्र में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) और GREF यानि जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स के तीन कैंप बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए। इनमें से एक BRO की कैंप-साइट थी, जबकि दो लेबरेर-कैंप थे। बीते कुछ दिनों से जोशीमठ इलाके में हो रही वर्षा और बर्फबारी के चलते ही बहुत उंचाई वाले इस इलाके में एक ग्लेशियर टूट कर इन कैंप पर जा गिरा। जानकारी के अनुसार, जोशीमठ-सुमना-मलारी-रिमखिम एक्सेस पर BRO एक सड़क निर्माण कर रही थी। इस निर्माण-कार्य के लिए ही BRO के जवान और मजदूर यहां मौजूद थे।
भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि घटनास्थल से करीब 3 किलोमीटर पर सेना का एक कैंप है। जैसे ही सेना को बीआरओ कैंप के एवलांच के चपेट में आने की खबर पाई गयी , वैसे ही रेस्कयू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। देर रात तक चले आपरेशन में 291 मजदूरों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। इन सभी को सेना के कैंप में भेजकर जरूरी मेडिकल सेवाएं भी दी जा रही है। खराब मौसम के चलते रेस्कयू ऑपरेशन को सुबह तक के लिए रोक दिया गया। शनिवार तड़के सेना ने एक बार फिर से रेस्कयू ऑपरेशन शुरू किया और 93 अन्य मजदूरों को भारी बर्फ से बचाया जा चुका है। इस बीच सेना को रेस्कयू ऑपरेशन में आठ लोगों के शव भी बरामद हुए। घटनास्थल के करीब कोई रिहायशी इलाका नहीं है।
सिंगापुर से 4 ऑक्सीजन टैंकर लेकर भारत आ रहा इंडियन एयरफोर्स के विमान
LNJP के डॉक्टर ने कोरोना से होने वाली मौतों की बताई अहम् वजह
चमोली: जोशीमठ में सेना का बचाव अभियान जारी, 8 शव बरामद, 430 को किया रेस्क्यू