नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए कृषि बिल को लेकर सोमवार को भी हंगामे के आसार हैं। आज तीसरा बिल राज्यसभा में पेश कर चुके थे। सोमवार को जांच शुरू होते ही सबसे पहले उन राज्यसभा सदस्यों पर जांच की गई, जिन्होंने रविवार को हल्ला शुरू हुआ था। राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने 8 सदस्यों को सप्ताह भर के लिए सस्पेंड किया जा चुका है। जिनके नाम हैं डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलमारन करीम। वहीं 12 दलों ने राज्यसभा उपसभापति हरिवंश के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दिया था, जिसे भी वेंकैया ने खारिज किया जा चुका है।
सरकार का मानना है कि इन बिल के जरिए किसान अपनी उपज को देश के किसी भी भाग में जाकर बेच सकते है। वहीं विपक्ष का इलज़ाम है कि सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी वंचित कर दिया जाता है। जिसके पूर्व रविवार को इस मुद्दे पर राज्यसभा में भारी शोर हुआ था। विपक्षी दलों ने उपसभापति हरिवंश पर परंपरा तोड़ जबरन बिल पारित कराने के आरोप लगाए थे। अंतिम में ध्वनिमत से पारित विधेयक पारित किये जा चुके है।
सोमवार को उपसभापति हरिवंश ने विधेयकों को पारित कराने के लिए कार्यवाही का वक़्त बढ़ाने का निर्णय किया। इस पर सबकी सहमति लेने की दलील देते हुए नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। विपक्ष ने विधेयकों को पास कराने की प्रक्रिया सोमवार को पूरी कराने की अपील की। विपक्षी दलों के तर्क की अनदेखी कर उपसभापति ने बिल पारित कराना शुरू हो गया है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने विधेयकों को प्रवर समिति में भेजने के अपने प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग आरम्भ हो चुकी है। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक हाथ में लेकर व्यवस्था का सवाल किए है। संज्ञान नहीं लिए जाने पर गुस्से में डेरेक रूल बुक लेकर वेल में पहुंच चुके और इसके पन्ने फाड़ आसन की ओर बढ़ोतरी होती जा रही है। उन्होंने आसन के माइक भी तोड़-मरोड़ दिए। कांग्रेस, द्रमुक, वामदल, आम आदमी पार्टी समेत विपक्ष के कई सदस्य वेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे और उपसभापति पर जबरन बिल पास कराने का इलज़ाम लगाया।
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