नई दिल्ली: शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी से पूरे विपक्ष में हड़कंप मच गया है और अब राजनितिक दलों ने सावधानी बरतना शुरू कर दी है। दरअसल, 8 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। साथ ही पत्र में शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को ताजा मिसाल बताया गया है। चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी को पत्र लिखने वालों में के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, तेजस्वी यादव, फारुख अब्दुल्ला, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और अखिलेश यादव के नाम शामिल हैं। बता दें कि, जिन पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, उनमें से हर दल के किसी न किसी नेता पर भ्रष्टाचार के गंभीर केस दर्ज हैं। ऐसे में विपक्षी नेताओं का ये पत्र काफी हद तक खुद को बचाने के लिए लिखा गया प्रतीत होता है।
बहरहाल, इस पत्र में लिखा है कि, 'प्रधानमंत्री जी, हमें उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी भी एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ निरंतर हो रहा केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल यह बता रहा है कि देश में एक निरंकुश तंत्र की स्थापना हो रही है। 26 फरवरी 2023 को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI द्वारा अरेस्ट कर लिया गया। उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। यह एक सियासी साजिश लग रही है। उनकी गिरफ्तारी से पूरे देश में लोग नाराज़ हैं। मनीष सिसोदिया दिल्ली के स्कूलों में सुधार लाने के लिए अपनी पहचान बनाई है। उनकी गिरफ्तारी का पूरे विश्व में एक गलत मतलब निकाला जा रहा है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि, '2014 के बाद से देश में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जितने नेताओं पर कार्रवाई की गई है, उनमें से ज्यादातर विपक्षी दलों के हैं। यही नहीं, जिन नेताओं ने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। पूर्व कांग्रेसी और असम के मौजूदा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की CBI और ED ने 2014 और 2015 में सारदा चंट फंट घोटाले में छानबीन की थी। हालांकि, उनके भाजपा में शामिल होने के बाद केस आगे नहीं बढ़ा। इसी प्रकार पूर्व TMC नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ED और CBI की जांच के दायरे में थे, मगर राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लेने के बाद मामले आगे नहीं बढ़े। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें महाराष्ट्र के नारायण राणे भी शामिल हैं।'
क्यों हुई मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी :-
वहीं, जब दिल्ली सरकार पर नई आबकारी नीति के जरिए घोटाले के आरोप लगे, तो सीएम केजरीवाल ने फ़ौरन यू टर्न लेते हुए शराब नीति वापस ले ली। इस पर भी काफी सवाल उठे कि यदि कोई घोटाला था ही नहीं, तो दिल्ली सरकार ने अपनी आबकारी नीति वापस क्यों ली ? अब डिप्टी सीएम और शराब नीति बनाने वाले आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर AAP जमकर हंगामा कर रही है। AAP इस कार्रवाई को सियासी प्रतिशोध बताते हुए कह रही है कि चार्जशीट में नाम न होने के बाद भी सिसोदिया को गिरफ्तार क्यों किया गया। बता दें कि, सिसोदिया की गिरफ्तारी में दिनेश अरोड़ा की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अरोड़ा सिसोदिया का खास था। लेकिन अब अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया है और उसने ही सिसोदिया समेत कई अन्य आरोपितों के नाम लिए हैं।
इसके साथ ही सिसोदिया पर शराब घोटाले से जुड़े सबूत मिटाने के भी आरोप हैं। दरअसल, शराब घोटाले के आरोपितों ने 170 फोन बदले थे। इसमें डिप्टी सीएम सिसोदिया ने खुद भी 14 फोन बदले थे। जाँच एजेंसियों का कहना है कि इन फोन में ही सभी महत्वपूर्ण सबूत मौजूद थे। इसलिए सिसोदिया सहित अन्य आरोपितों ने या इन फोनों को बदल दिया या तोड़ दिया। अब CBI तमाम सबूत जुटाने के बाद सिसोदिया से पूछताछ कर रही है।
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