नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को बताया कि उसके उच्चतम मूल्य वर्ग के 87 प्रतिशत बैंक नोट अब तक वापस ले लिए गए हैं, जिससे संभावित रूप से तरलता अधिशेष (Liquidity Surplus) में वृद्धि होगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, 'कुल मिलाकर 2,000 रुपये के बैंक नोटों की वापसी के कारण तरलता में अधिशेष है। उन्होंने बताया कि, अब तक 2,000 रुपये के 87 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेना एक 'अस्थायी उपाय' है। उन्होंने आगे कहा कि निकासी पूरी होने के बाद सिस्टम में 'पर्याप्त तरलता' होगी। बता दें कि, इस साल 19 मई को, RBI ने 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया था और कहा था कि सभी नोटों को 30 सितंबर, 2023 से पहले बदला जाना चाहिए।
RBI ने कहा था कि नवंबर 2016 में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों की कानूनी निविदा को वापस लेने के बाद मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2,000 रुपये के नोट पेश किए गए थे। RBI ने कहा था कि अन्य मूल्यवर्ग के नोटों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने के बाद उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए 2018-19 में 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। रिज़र्व बैंक ने पाया कि लेनदेन के लिए 2,000 रुपये के नोटों का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने इन नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फैसला किया।
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