बैंगलोर: कर्नाटक के मैसूर जिले के नरसीपुरा क्षेत्र में फ्रेंड्स गेट होटल के नजदीक बम निरोधक दस्ते को नौ जिलेटिन की छड़ें और एक देसी बम मिला है। एक स्थानीय राहगीर को नीले रंग के प्लास्टिक बैग में ये सामग्री मिली और उसने फ़ौरन पुलिस को सूचित किया। इसके बाद, बम निरोधक दस्ते मौके पर पहुंचा। मैसूर के पुलिस अधीक्षक (SP) ने बताया कि कुछ जिलेटिन की छड़ें तो मिली हैं, लेकिन उनका स्रोत अज्ञात है। SP ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन छड़ियों का इस्तेमाल सूअरों के शिकार के लिए किया गया होगा, क्योंकि इस क्षेत्र में इसी तरह के तरीके आम हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सरकार के अधीन काम करने वाली पुलिस ने बताया कि इस तरह की चीजें पहले भी देखी गई हैं और सुझाव दिया है कि शिकार के लिए इस क्षेत्र में आने वाला कोई व्यक्ति गलती से इन्हें पीछे छोड़ गया होगा। हालाँकि चिंता का कोई तत्काल कारण नहीं है, अधिकारी घटना के सभी संभावित पहलुओं की जाँच कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि, इस सप्ताह की शुरुआत में सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगलों में माओवादियों के ठिकानों से विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया था।
अधिकारियों ने बताया था कि, भारी मात्रा में बरामद की गई वस्तुओं में बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL) राइफलें, बीजीएल सेल, जिलेटिन रॉड, डेटोनेटर और अन्य विस्फोटक मिले थे। यह बरामदगी भेजी पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत किस्टाराम और बीरभट्टी गाँवों के मेटागुडा के जंगलों में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान के दौरान की गई थी।
वहीं, इस वर्ष मई महीने में एक संबंधित ऑपरेशन में भारतीय सेना ने असम राइफल्स के सहयोग से एक एके-56 राइफल, एक मोर्टार, एक अत्याधुनिक मोर्टार बम, एक पोम्पी बंदूक, दो अत्याधुनिक विस्फोटक उपकरण, पांच हथगोले, गोला-बारूद और अन्य युद्ध संबंधी सामग्री सफलतापूर्वक बरामद की थी। वहीं इसी साल 1 मार्च को बैंगलोर कैफ़े में ब्लास्ट हुआ था, ये धमाका इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े आतंकियों ने किया था। मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा समेत कई आतंकी इस मामले में पकड़े गए थे। वहीं, 2022 में कर्नाटक में मंगलौर में एक कूकर ब्लास्ट हुआ था, जिसमे आरोपी मोहम्मद शरीक गिरफ्तार किया गया था। शरीक ने किसी दूसरे नाम का ID कार्ड अपने पास रखा था और वो इसे सुसाइड अटैक करना चाह रहा था, लेकिन बम पहले ही फट गया और लोगों की जान बच गई।
बाढ़ प्रभावित त्रिपुरा के लिए केंद्र ने जारी की 40 करोड़ की मदद, सीएम साहा ने जताया आभार