लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वकील 4 नवंबर 2024 को हड़ताल पर हैं, जिसे दिल्ली बार एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है। यह विवाद 29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला कोर्ट में हुए पुलिस लाठीचार्ज से शुरू हुआ। विवाद कथित तौर पर जालसाजी के एक मामले में आरोपियों की अग्रिम जमानत को लेकर जज अनिल कुमार और वकीलों के बीच हुई तीखी बहस से बढ़ा। इसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया, जिससे मामला और गंभीर हो गया। अब यह घटना लाठीचार्ज की एसआईटी जांच की मांग और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने से लेकर व्यापक हड़ताल तक जा पहुंची है।
आज दिनांक 29.10.2024 को गाजियाबाद न्यायालय परिसर में हुई घटना के सम्बन्ध में श्री दिनेश कुमार पी. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय कमिश्नरेट गाजियाबाद की बाइट-@Uppolice pic.twitter.com/QpDLYGYVe7
— POLICE COMMISSIONERATE GHAZIABAD (@ghaziabadpolice) October 29, 2024
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने भी इस लाठीचार्ज की निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जज अनिल कुमार के निर्देश पर वकीलों पर पुलिस बल का इस्तेमाल हुआ। एससीबीए ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में जज अनिल कुमार के आचरण की जांच कराने की मांग की है। वहीं, गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने इस लाठीचार्ज की एसआईटी जांच की मांग की है। एडवोकेट जवाहिर यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर घटना के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने और नामजद वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की है।
29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला कोर्ट में जज अनिल कुमार की अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच तीखा टकराव हुआ। वायरल वीडियो में पुलिस को वकीलों पर बल प्रयोग करते देखा गया, जबकि वकील भी कुर्सियां फेंकते नजर आए। वकीलों का आरोप है कि जज अनिल कुमार ने उन्हें भड़काया और पुलिस को उनके खिलाफ उकसाया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कोर्ट परिसर में सीआरपीएफ और पीएसी तैनात करनी पड़ी।
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में वकीलों को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया गया है। सब-इंस्पेक्टर संजय कुमार की शिकायत में कहा गया है कि करीब 50 वकील अदालत में हंगामा कर रहे थे, कुर्सियां फेंक रहे थे, और पुलिस को गालियां दे रहे थे। आरोप है कि वकीलों ने पत्थरबाजी की और पुलिस चौकी में आग लगा दी, साथ ही सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। हिंसा में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और अदालत के शीशे टूट गए।
न्यायिक कर्मचारी संजीव गुप्ता ने भी एफआईआर दर्ज करवाई है, जिसमें वकीलों पर कोर्ट में हंगामा करने, न्यायिक कार्य में बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। विवादित जमानत मामले में वकील जितेंद्र सिंह ने जालसाजी का आरोप लगाया है। उनकी शिकायत पर गुलरेज आलम, रिजवान अली और 8 अन्य मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। जितेंद्र सिंह का दावा है कि जज अनिल कुमार ने आरोपियों को गलत तरीके से अग्रिम जमानत दी थी, जिसके कारण यह टकराव बढ़ गया।
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