जूनागढ़: गुजरात के जूनागढ़ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ गिरनार पर्वत के आसपास प्रत्येक वर्ष लीली परिक्रमा का आयोजन होता है, जो कार्तिक एकादशी से आरम्भ होती है। इस वर्ष भी इस आयोजन को भव्य रूप में किया गया है। परिक्रमा आरम्भ होने से 24 घंटे पहले ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसके चलते मंदिर के दरवाजे पहले ही खोल दिए गए थे। परिक्रमा में सम्मिलित भीड़ और गर्मी के कारण 9 लोगों की दिल के दौरे से मृत्यु हो गई, जिससे महज 48 घंटों में 9 लोगों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया।
जूनागढ़ सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. कृतार्थ ब्रह्मभट्ट ने बताया कि भीड़ और दिन की गर्मी के कारण लोगों को दिल का दौरा पड़ा। हॉस्पिटल में कुल 8 शव लाए गए, जिनमें राजकोट के 3, मुंबई और अहमदाबाद के 1-1 व्यक्ति शामिल थे। इसके अलावा, गांधीधाम, देवला और अमरासर से भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि परिक्रमा धीरे-धीरे और रुक-रुक कर करें और किसी भी समस्या होने पर नजदीकी मेडिकल कैंप में संपर्क करें।
कार्तिक एकादशी की मध्यरात्रि से आरम्भ हुई यह लीली परिक्रमा गिरनार पर्वत के सबसे कठिन और घने जंगलों तथा वन्य जीवों के बीच से होकर गुजरती है। साधु-संतों और अफसरों ने परिक्रमा मार्ग की पूजा विधि संपन्न कर यात्रियों को प्रस्थान कराया। भजन, भक्ति, भाव और भोजन के इस संगम में करीब 20 लाख लोग सम्मिलित होते हैं, जो चार दिन और तीन रात जंगल में गुजारते हैं। गिरनार पर्वत, जिसे जूनागढ़ में "हिमालय के दादा" कहा जाता है, धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
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