एथेंस: ग्रीस और तुर्की बॉर्डर पर निर्वस्त्र पाए गए 92 प्रवासियों की खबर फैलते ही जहां एक तरफ ग्रीस और तुर्की के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है, तो वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस घटना की निंदा की है। तुर्की की उत्तरी बॉर्डर से ग्रीक पुलिस ने जिन सभी निर्वस्त्र प्रवासियों को रेस्क्यू किया है, उनमें कई लोग जख्मी भी बताए जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि इन लोगों ने कपड़े क्यों नहीं पहने हुए थे या क्या किसी ने इनके कपड़े उतरवा दिए।
ग्रीक पुलिस के मुताबिक, इन प्रवासियों को सबसे पहले ग्रीस और तुर्की सीमा पर इवरोस नदी के निकट देखा गया था। यूरोपियन यूनियन बॉर्डर एजेंसी के अधिकारियों और ग्रीक पुलिस की जांच के मुताबिक, ये प्रवासी रबड़ की नाव के जरिए नदी पार करते हुए तुर्की से ग्रीस की सीमा में दाखिल हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेस्क्यू के बाद प्रवासियों ने पुलिस को बताया है कि तुर्की अथॉरिटी ने उन्हें तीन गाड़ियों में जबरदस्ती बैठाकर सीमावर्ती इलाके में छोड़ दिया। प्रवासियों ने इस बात की भी गवाही दी कि उन्हें सरहद पर छोड़ने से पहले निर्वस्त्र भी कर दिया गया।
ग्रीस के माइग्रेशन मंत्रालय ने इस संबंध में कहा कि तुर्की के इस भड़काऊ व्यवहार ने तमाम सीमाओं को लांघ दिया है। ग्रीस सरकार में माइग्रेशन मंत्री Notis Mitarachi ने ट्विटर पर एक फोटो भी साझा की है, जिसमें लगभग 20 निर्वस्त्र लोग खुले में घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। माइग्रेशन मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'हमने जिन 92 प्रवासियों को बॉर्डर से रेस्क्यू किया है, उनके प्रति तुर्की का वर्ताव नागरिक सभ्यता के लिए शर्मनाक है। हमें उम्मीद है कि तुर्की इस मामले की छानबीन करेगा और यूरोपियन यूनियन के साथ अपनी सीमा की सुरक्षा करेगा।
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