देशभर में कोरोना ने कई लोगों की जान ले ली है. कोरोना के मामलों के साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे है. वहीं, कोरोना महामारी से शहर में अब तक 96 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन 1779 मौतें तो सामान्य और दूसरी बीमारियों से ही हो गईं है. इनका रिकॉर्ड शहर के मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों में दर्ज हो चुका है. इसमें एक हत्या भी शामिल है. आमतौर पर हर महीने औसत 1400 से 1500 तक मौतें शहर में होती हैं, लेकिन अप्रैल में सामान्य से 250 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं. अस्पतालों में सही वक्त पर उपचार न मिलने के वजह से दूसरी बीमारियों के मरीजों की मौतें भी इसकी एक बड़ी वजह मानी जा रही है.
लॉकडाउन होने के वजह से शहर में वैसे ही न ट्रैफिक चल रहा है और न ज्यादा गंभीर अपराध हो रहे हैं. शहर में सामान्यतः सड़क हादसों में ही हर महीने 33 मौतें हो जाती हैं, लेकिन इस बार इसका आंकड़ा भी इक्का-दुक्का ही है. ऐसे में अप्रैल में मौतों का आंकड़ा कम होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अप्रैल के पहले सप्ताह में सबसे ज्यादा मौतें हुई है. शहर में चार कब्रिस्तानों में ही शवों के दफनाने का आंकड़ा 130 तक था, जो अप्रैल के अंत तक 400 से ज्यादा हो गया. खजराना कब्रिस्तान के रिकॉर्ड के मुताबिक, अप्रैल माह में 108 शव दफनाए गए, जबकि महूनाका कब्रिस्तान में 136 शव सुपुर्द ए खाक हुए.
बता दें की रानीपुरा, खजराना के बाद अब नेहरू नगर, रुस्तम का बगीचा, गोमा की फैल, परदेशीपुरा जैसे इलाके नए हॉट स्पॉट में तब्दील होते जा रहे हैं. इन इलाकों में जिन लोगों की मौत हो रही है, उनमें से ज्यादातर की अंत्येष्ठि मालवा मिल मुक्तिधाम पर की जाती है. इस मुक्तिधाम के रिकॉर्ड के मुताबिक अप्रैल में 158 अंत्येष्टि यहां हो चुकी हैं.
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