जकार्ता: गाम्बिया के बाद अब इंडोनेशिया में भी कफ सिरप पीने से 99 बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत के बाद इंडोनेशिया में तमाम तरह की कफ सिरप और तरल दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 'गाम्बिया में खांसी की दवाई (सिरप) को करीब 70 बच्चों की मौत से जोड़ा गया था। इसके कुछ ही सप्ताह बाद इंडोनेशिया से भी ऐसी ही खबर आई है। इंडोनेशिया ने कहा है कि कुछ सिरप दवा में तीव्र गुर्दे का दर्द (AKI) से संबंधित तत्व पाए गए। इससे इस साल 99 छोटे बच्चों की जान चली गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि दवा आयात की गई थी या स्थानीय रूप से उत्पादित की गई थी।
इंडोनेशियाई स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार (20 अक्टूबर) को बताया है कि उन्होंने बच्चों में AKI के करीब 200 केस दर्ज किए हैं, जिनमें से ज्यादातर पांच वर्षों से भी कम आयु के बच्चे हैं। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 4 कफ सिरप पर वैश्विक अलर्ट जारी किया था, जो गाम्बिया में करीब 70 बच्चों की मौत से जुड़े थे। तब WHO ने पाया था कि वहां इस्तेमाल किए गए सिरप (एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित) जिसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा थी। संगठन ने सिरप को गुर्दे की गंभीर बीमारियों से संभावित रूप से जोड़ा था।
इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को कहा कि स्थानीय रूप से उपयोग की जाने वाली कुछ दवाओं में भी यही रासायनिक यौगिक पाए गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुडी गुनादी सादिकिन ने कहा है कि, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथिलीन ग्लाइकॉल पाए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि कितने मामले जहरीली दवाओं से संबंधित हैं। इंडोनेशियाई अधिकारियों ने बताया है कि गाम्बिया में इस्तेमाल होने वाले कफ सिरप स्थानीय स्तर पर नहीं बेचे जाते थे। ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के एक महामारी विज्ञानी डिकी बुडिमन ने मीडिया को बताया है कि, वास्तविक मौत का आंकड़ा रिपोर्ट से भी ज्यादा हो सकता है।
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