संसार में ऐसे बहुत से स्थान है, जो रहस्यों से भरे हुए है. इसी संबंध में भारतीय पुराणों में एक गुफा का उल्लेख किया गया है, जो उत्तराखंड में भुवनेश्वर के गंगोलीहाट गाँव में स्थित है. जिसे पाताल भुवनेश्वर गुफा के नाम से जाना जाता है.पौराणिक दृष्टि से देखा जाय, तो इस गुफा में बहुत से रहस्य छिपे हुए है. माना जाता है की इस गुफा में दुनिया के अंत का भी राज छुपा है, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान भी कहा गया है. आइये जानते है, इस गुफा का वह कौन सा रहस्य है? जिसके अनुसार इस दुनिया का अंत हो जाएगा.
जब भी आप इस गुफा के अंदर प्रवेश करते है, तो यहाँ का दृश्य आपको भावविभोर कर देता है, जिसके रंग में आप ऐसे रंगते है, की बाहरी संसार आपको याद ही नहीं रहता है. माना जाता है, की इस गुफा का संबंध देवी देवताओं से भी है, जो यहाँ आकर भगवान शिव की पूजा करते है.
यह गुफा प्राकृतिक रूप से पत्थरों द्वारा बनी हुई है, जिसके अंदर हमेशा पानी रिसता रहता है, जिसके कारण गुफा के अंदर बहुत अधिक फिसलन है. इसलिए गुफा के अंदर प्रवेश करते समय लोहे की जंजीरों की सहायता ली जाती है. गुफा के अंदर एक ऐसा पत्थर है, जिसका आकार शेषनाग के समान प्रतीत होता है, जिन्होंने पृथ्वी को पकड़ रखा है. माना जाता है, की इस गुफा के अंदर जो शिवलिंग है, उसका आकार निरंतर बढ़ रहा है तथा जिस समय यह शिवलिंग गुफा की छत के बराबर हो जाएगा, उस समय यह दुनिया भी ख़त्म हो जायेगी.
इस गुफा में और भी बहुत से रहस्य है, जैसे इसकी दीवारों पर हंस कि एक आकृति बनी हुई है, जिसे ब्रह्मा जी का हंस कहा जाता है व यहाँ एक हवन भी है, जिसके विषय में कहा जाता है, की जनमेजय ने इसी हवनकुंड में नाग यज्ञ किया था, जिससे सभी नागों का अंत हुआ था.
इस जगह स्थित है अर्धनारीश्वर भगवान गणेश का मंदिर
तो इसलिए भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की हथेली नहीं है
इस मंदिर के हनुमान जी भक्तों को बताते है भविष्य
बड़ा ही विचित्र मंदिर जहाँ दान किये जाते हैं हाथी