भारत एक धर्मप्रधान देश है जहाँ आये दिन कोई न कोई त्यौहार आता ही रहता है. एक के बाद एक त्यौहार का सिलसिला लगभग साल भर लगा ही रहता है. अभी हाल ही में हुए गणेश उत्सव के बाद अब मौसम है मातारानी की आराधना का, उनकी पूजा अर्चना करने का और साथ में गरबे के रंग में रंगने का. खैर ये तो हुई त्यौहार को धूम धाम से मानाने और गरबे पर थिरकने की बात. अब बात करते हैं मातारानी की दया और करुणा की, तो यह बात तो जग जाहिर है और 100 % सच है की माँ की ममता का कोई मोल नहीं होता.
माँ अपने बच्चों पर सदैव ही स्नेह लुटाती है, और उनकी सारी परेशानी पलक झपकते ही दूर कर देती है. बस इसी श्रद्धा से हम सभी नवरात्री के नौ दिनों में माता रानी की कृपा पाने के लिए उनकी भक्ति में डूब जाते हैं. तो लीजिये इस कविता के साथ आप भी उठाइये आनंद माता रानी की कृपा का और हो जाइये उनकी भक्ति में मग्न....
नव दुर्गा की पूजा करलो,
जन्म मरण जंजालो से तर लो,
करलो करलो पूजा तुम कर लो,
माँ की भक्ति को मन में तुम भर लो,
माँ की कृपा हो जाएगी तुम पर,
माँ से प्रार्थना जम कर तुम कर लो,
माँ ममता की ऐसी मूरत,
खत्म हो जाये दुखड़ा देखते ही सूरत,
माँ तुम सदा सहायक रहना,
हम जीवन पर विनायक रहना,
नव दुर्गा की पूजा कर लो,
जन्म मरण जंजालो से तर लो,
जानिये नवरात्र में अखंड दीपक का महत्व
नवरात्री में घट स्थापना का शुभ महूर्त
जानिए कब से रखे नवरात्री के व्रत