यूं तो देशभर में प्रमुख हिंदू देवी देवताओं के करीब 33 करोड़ भगवानों के मंदिर और धार्मिक स्थल जरूर हैं। मगर इन मंदिरों में एक ऐसा मंदिर है जो अधिकांश समय बंद ही रहता है इस मंदिर में श्रद्धालु बाहर से दर्शन और पूजन करते हैं मगर बेहद आश्चर्य की बात यह है कि इस मंदिर में सांकल बजाने भर से आपके सारे मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। जी हां, यह मंदिर है विधाता माता का मंदिर। मध्यप्रदेश के उज्जैन में प्रतिष्ठापित श्री हरिसिद्ध मंदिर के पृष्ठ भाग में प्रतिष्ठापित यह मंदिर बेहद जागृत है। देवी मां यहां सभी के भाग्य का फैसला करती हैं। अपनी किस्मत को बदलने के लिए यहां श्रद्धालु सांकल बजाते हैं और माता इनकी अरज को पूरा करती हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में सांकल बजाने से विवाह की कामना लेकर आने वाले कुुंआरों का विवाह होता है। मंदिर में युवतियां बड़े पैमाने पर दर्शन के लिए आती हैं और माता को चुनरी और प्रसाद अर्पित कर यहां सांकल बजाती हैं और इसके बाद उनके भाग्य खुल जाते हैं।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालु शुक्रवार का यहां विशेष पूजन करते हैं। शुक्रवार को श्रद्धालुओं द्वारा विधाता माता की आराधना की जाती है। जिसके साथ माता को पुष्प, गंध, दूप, दीप और नैवेद्य अर्पित किया जाता है। सांकल बजाकर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए याचना करते हैं।
मंदिर में मांगी गई मनोकामना पूर्ण हो जाने के बाद श्रद्धालु फिर से यहां दर्शनों के लिए पहुंचते हैं और माता को धन्यवाद देते हैं। यहां मौली या कलेवा बांधने का भी रिवाज़ है। कहा जाता है कि श्रद्धा से यहां जो भी मांगा जाए वह पूरा होता है। यहां आने के बाद श्रद्धालुओं को असीम आनंद की प्राप्ति होती है। यहां शक्ति के प्रतीक के तौर पर एक अखंड ज्योत भी प्रज्जवलित है।
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