मुंबई। महाराष्ट्र के एक गांव को जल्द ही किताबों वाला गांव कहा जाएगा। जी हां, अभी तक तो महाराष्ट्र का नागपुर संतरों के लिए नासिक प्याज के लिए और सतारा का भीलर गांव स्ट्राॅबेरी के लिए जाना जाता है लेकिन पंचगनी पहाड़ियों के पास बसे इसी भीलर गांव को अब किताबों वाले गांव के तौर पर जाना जाएगा। जी हां, यहां पर 4 मई को पुस्तकाचे गांव के तौर पर नाम मिलने वाला है। इसका लोकार्पण राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस 4 मई को करेंगे।
दरअसल शिक्षा मंत्री, महाराष्ट्र विनोद तावड़े के निर्देशन में मराठी भाषा विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा था। यहां पर साहित्य, कविता और धर्म आदि क्षेत्र की पुस्तकों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसे राज्य सरकार की महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इस तरह से लगभग 15 हजार किताबें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
दरअसल ऐसा गांव में साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए किया जा रहा है। दरअसल इस गांव में साहित्य उत्सव का आयोजन करने की घोषणा सरकार ने 27 फरवरी 2015 को की थी। गौरतलब है कि पुस्तक गांव का काॅन्सेप्ट ब्रिटेन के वेल्स शहर के हेऑन वे से प्रेरित है।