जैसे जैसे भगवान गणेश का दिन गणेश चतुर्थी नजदीक आ रहा है वैसे वैसे उनकी स्थापना के लिए जोर शोर से तैयारिया की जा रही है जगह जगह उनके पंडाल बनाए जा रहे है. और घरो में साफ सफाई और पुताई की जा रही है. पूरे भारत बड़े उत्साह से मनाया जाता है भगवान गणेश का जन्म दिन. गणेश भगवान का जन्म दिन गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है लेकिन इस बार यह उत्सव 11 दिन तक मनाएंगे. इस पूरे उत्सव में भगवान गणेश के भक्त पूरे 10 या 11 दिन तक अलग-अलग नए नए पकवान बनाकर गणेश भगवान को भोग चढाते है. वैसे तो भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद है और उन्हें मिठाई के तौर पर मोदक ही चढ़ाया जाता है. पूजा के वक़्त मोदक को एक प्लेट में 21 टुकडो में रखकर उन्हें भोग लगाया जाता है. और उन्हें भोग लगाने के बाद ये प्रसाद सभी भक्तो में बाटां जाता है.
ये बात तो सभी भक्तो को मालूम होगी की भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद है. लेकिन उन्हें मोदक क्यों पसंद है यह बहुत कम लोग जानते है-ये हम आपको बताते है की उन्हें मोदक क्यों पसंद है.
एक बार भगवान शिव और माता पार्वती अपने पुत्र गणेश के साथ अनुसूया के घर गए. तभी भगवान् शिव को बोहोत भूक लगी थी अनुसूया ने भगवान् शिव को थोडा इन्जार करने को कहा और साथ ही यह भी कहा की जब तक बाल गणेश की भूक शांत नहीं हो जाती तब तक वो किसी को भी भोजन नहीं परोस सकती. तब भगवान शिव ने थोडा और इन्तेजार किया.
अनुसूया ने गणेश को तरह तरह के पकवान बनाकर खिलाये लेकिन बाल गणेश की भूक शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी, यह देख सभी लोग हैरान थे.
तब अनुसूया ने सोचा की इतने पकवान से बाल गणेश की भूक शांत नहीं हो रही है, शायद मीठा खाने से उनका पेट भर जाए, तब अनुसूया ने गणेश को मिठाई का एक टुकड़ा दिया जिसको खाने के बाद उन्होंने जोर से एक डकार ली. और उनकी भूक शांत हो गई .
हैरानी की बात तो तब हुई जब बाल गणेश ने मिठाई खाने के बाद डकार ली तब भगवान शिव ने भी डकार ली लेकिन भगवान शिव को एक बार डकार आने के बाद उन्हें बार बार डकार आती रही और यह डकार पूरे इक्कीस बार आई जिसके बाद बाल गणेश और भगवान शिव ने कहा की अब हमारा पेट भर गया है और अब हम भोजन नहीं करना चाहते.
इन तरीको से करे गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश जी की पूजा
अलग अलग रंग से बनी गणेशजी की मूर्ति देती है अलग अलग फल
सूर्ग्रहण के दौरान ना करे ये काम
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