रामपुर: काफी समय से आजम खान अपने दिल में एक ख्वाहिश संभाले हुए थे. अब जाकर आजम खान की वो ख्वाहिश, सेना ने पूरी कर दी. दरअसल आजम खान अपने विश्वविद्यालय के लिए काफी समय से आधुनिक सुविधाओं से युक्त सेना का एक टैंक लाना चाहते थे. इस बाबद आजम खान ने सेना प्रमुख बिपिन रावत से भी चर्चा की थी.
सेना ने मंगलवार को सोवियत संघ के समय का टी-55 जंगी टैंक आजम खान के विश्वविद्यालय को तोहफे में दिया. लेफ्टिनेंट जनरल हरीश ठुकराल ने एक समारोह में यह टैंक खान को सौंपा. रामपुर की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कैंपस में इस टैंक को प्रदर्शित किया जाएगा. यह यूनिवर्सिटी एक ट्रस्ट के तहत आती है जिसे खान का परिवार चलाता है.
आजम खान ने बताया की वो देश के सच्चे भक्त है और भारतीय सेना की बहुत इज्जत करते है. वो आगे भी कोशिश करेंगे की जल सेना और वायु सेना के विमानों को भी अपने विश्वविद्यालय में ला सकें ताकि स्टूडेंट्स को और भी जानकारिया मिल सके. सेना के मुताबिक इस टैंक को 1968 में सेना में शामिल किया गया था और यह 2011 तक सेना में रहा.1971 के युद्ध में इस टैंक का इस्तेमाल किया गया था. यह टैंक रात को देखने के अलावा परमाणु, जैविक और केमिकल विस्फोट से भी सुरक्षित रह सकता है.
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