वैसे तो भारत देश हमेशा से अमन और शांति के लिए जाना जाता रहा है लेकिन हाल ही में देश में एक बड़ा मुद्दा जिसके हम विश्व भर में चर्चा में है वो है कश्मीर मुद्दा, हालाँकि यह मुद्दा काफी समय से चल रहा है लेकिन हाल ही में इसमें जिस तरह से नए मोड़ सामने आए है वो दुखी करने वाले है. अब एक बार फिर से यहाँ पर हुर्रियत का दोगला चेहरा सामने आया है जो उनके हाल ही में दिए गए बयान में दिखाई दे रहा है.
हुर्रियत कांफ्रेंस ने हाल ही में अपना ताजा बयान दिया है जिसके अनुसार उन्होंने कहा है कि वो बातचीत के लिए मरे नहीं जा रहे है. कश्मीर में शांति बहाली को लेकर सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों के बीच ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन (अलगाववादी नेता) मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि हम कश्मीर मसले का हल बातचीत से ही चाहते हैं, लेकिन हम बातचीत के लिए मरे नहीं जा रहे हैं.
शुक्रवार को जुमातुल विदा के मौके पर जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा से पूर्व नमाजियों को संबोधित करते हुए मीरवाइज ने कहा कि जो लोग हमें अमन और तरक्की का सबक देते हैं, वे बताएं कि दुनिया में कौन तरक्की नहीं चाहता, लेकिन कश्मीर के हालात और अन्य इलाकों के हालात में बहुत फर्क है. बता दें, हाल ही में देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हुर्रियत पर निशाना साधते हुए एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग बच्चों के हाथों में पत्थर और बन्दुक दे रहे है. बातचीत के लिए ज्यादा हल्ला करने की जरूरत नहीं है, बातचीत सही सोच वालों के साथ ही हो सकती है.
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