लखनऊ : जब किसी व्यक्ति से रिश्ते खराब होते हैं, तो उसके बारे में कोई बात पूछे जाने पर नाराज़गी प्रकट होना स्वाभाविक है. ऐसा ही नज़ारा कल लखनऊ में तब देखने को मिला , जब अपनी अभिनीत फिल्म 'जेडी' का प्रमोशन करने आए अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के सवाल पर पहले ना-ना करने के बाद फ़िल्मी गानों के मुखड़े सुनाकर अपनी तल्खी ज़ाहिर की.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों वरिष्ठ नेता अमरसिंह समाजवादी पार्टी से बाहर हैं, लेकिन बीजेपी में जाने के लिए लालायित दिख रहे हैं. मुलायम और अखिलेश के सवाल पर फिल्मी गीतों के मुखड़े के जरिये मुलायम व अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा, कि जब वहां था तो पूरा दोष 'अंकल' का था. लेकिन अब मैं बाहरी हूँ . फिर अमर सिंह ने खलनायक फिल्म के गीत सुनाया 'नायक नहीं खलनायक हूं मैं, जुल्मी बड़ा दुखदायक हूं मैं' अब दोनों पक्ष (मुलायम-अखिलेश) बोलना बंद कर दें कि .'कांटा लगा' . अमरसिंह ने यह भी कहा कि अब यदि मुलायम सिंह खुद भी उन्हें बुलाएंगे, तो भी वो वापस सपा में नहीं जाएंगे.
बता दें कि शेरो शायरी और व्यंग्य के ज़रिये अलग अंदाज़ में अपनी बात कहने वाले अमरसिंह ने कहा कि मैं यत्र-तत्र, सर्वत्र हूं लेकिन, अब मैं समाजवादी पार्टी में कभी नहीं रहूंगा. अलग पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने मुलायम सिंह पर आरोप लगाया कि वे कहते हैं, कि पीछे के दरवाजे से रात के अँधेरे में आओ और वहीं से निकल जाओ. कहीं आजम, अखिलेश देख न लें. इस मौके पर उन्होंने 'धीरे-धीरे बोल कोई सुन न लें' गीत गुनगुनाते हुए कहा, कि ऐसे तो वेश्याएं आती -जाती हैं. मैं राजनीतिक वेश्या नहीं बनना चाहता.
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