हमारे मष्तिष्क की संरचना इतनी जटिल है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये अपने पूरे जीवनकाल में होने वाली अनगिनत बातों और यादों को सहेजकर रखता है. ये यादें अच्छी-बुरी, दोनों प्रकार की होती है. किसी स्टोर रूम में बिखरी पड़ी फाइलों की तरह ये यादें स्टोर हमारे दिमाग में यहां-वहां घूमती रहती है. हालांकि इन बिखरी पड़ी यादों को व्यवस्थित करने का काम भी सिर्फ हमारा दिमाग ही कर सकता है.
दरअसल अभी हाल ही में एक रिसर्च रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि आखिर कैसे हमारा दिमाग इन तमाम लम्हों को फाइल के रूप में एकत्रित करने का काम करता है. नेचर कम्युनिकेशन्स जर्नल में पब्लिश हुई इस रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अवांछित विचारों तथा बुरी यादों को स्टोर करने के लिये हमारा दिमाग 'गाबा या गामा एमिनो ब्यूटिरिक एसिड' नामक एक विशेष प्रकार के अम्ल का उपयोग करता है.
जानकारी के मुताबिक़, गाबा एसिड एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है. आपको बता दें कि न्यूरोट्रांसमीटर एक ब्रेन केमिकल होता है, जो हमारे व्यवहार, जज़्बात, विचारों पर नियंत्रण करने का काम करता है.
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