क्रोध आने पर मनुष्य न केवल अपना आपा खो बैठता है तो वहीं बनते हुए काम भी बिगड़ने में देर नहीं लगती है। ज्योतिष शास्त्र में क्रोध को मनुष्य का बैरी बताया गया है और यह सलाह दी जाती है कि मनुष्य को कभी क्रोध या गुस्सा नहीं करना चाहिए।
यदि गुस्सा आता भी है तो उसे ईश्वर का नाम लेना शुरू कर देना चाहिए, ईश्वर के नाम लेने से गुस्सा अवश्य ही शांत हो जाता है। इसके अलावा क्रोध किस कारण आता है, इस बात की सलाह भी ज्योतिषी से लेना उचित होता है, क्योंकि यदि कुंडली में कोई ग्रह योग ऐसी स्थिति निर्मित कर रहा है तो उसका निदान किया जा सकता है। इसी तरह ज्योतिष शास्त्र में लोभ करना भी उचित नहीं बताया गया है।
कहा गया है कि जो व्यक्ति किसी लोभ या लालच से ईश्वर की पूजा अर्चना या भक्ति करता है वह सफल नहीं हो सकता है। इसलिए पूजन पाठ या भक्ति करते समय न तो कभी क्रोध किया जाए और न ही मन में किसी तरह का लालच हो।