<
strong>नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव अंटोनिओ गुटेरेस सोमवार को भारत की यात्रा पर नई दिल्ली पहुँच रहे है. सूत्रों के अनुसार महासचिव से भारत अपनी वैश्विक समस्याएं बता सकता है. भारत अपनी अंतराष्ट्रीय और उलझी हुई दिक्कतों को यूएन महासचिव के सामने रख सकता है.
UN महासभा : ट्रम्प के दावे पर हँस पड़े दुनिया भर के नेता
पाक सधिकृत कश्मीर और आतंकवाद, चीन द्वारा पीओके में अवैध निर्माण, रोहिंगया की शरणार्थी समस्या के साथ ही एनएसजी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्यता को लेकर अपनी बातें रख सकता है. भारत अब संयुक्त राष्ट्र के स्वरुप में परिवर्तन चाहता है भारत का मानना है कि, जब यूएन का गठन हुआ तब की बात अलग थी और अब की बातें, माहौल सब बदल चुका है. संगठन में बदलाव की अपेक्षा के साथ ही संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता की भी बात करेगा. भरत का तर्क है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के कारण यह भारत का हक़ है. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का संस्थापक सदस्य भी है, जो संयुक्त राष्ट्र की सभी शर्तों और नियमों का पालन करता है, इसलिए भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने पर विचार नहीं करना चाहिए.
UNGA : पीएनबी घोटाले मामले में सुषमा स्वराज ने एंटीगुआ के विदेशमंत्री से मांगी मदद
बतादें कि महासचिव इस पद पर आने के पहले शरणार्थी के लिए बड़े पैमाने पर काम कर चुके हैं, इस लिहाज़ से भारत उनके सामने इस सदी की त्रासदी कहे जाने वाले रोहिंग्या शरणार्थी की समस्या को उनके सामने रख सकता है. संयुक्त राष्ट्र में जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि पकिस्तान-भारत सीमा के दोनों तरफ के लोग बड़ी तकलीफ में हैं , इस वज़ह से संयुक्तराष्ट्र का हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद समेत कश्मीर की अशांति पर भी अपनी बात भारत यूएन महासचिव के सामने रख सकता है.
ख़बरें और भी
भारत को मिलनी चाहिए संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता: अमेरिका
UN महासभा : ईरानी राष्ट्रपति बोले- सेना हटा ले ट्रम्प, हम युद्ध नहीं करना चाहते
आज विदेश मंत्रियों की ब्रिक्स बैठक में शामिल होंगी सुषमा स्वराज