आपने देखा होगा कि वर्षा काल के दौरान बहुत से नए पौधे उग जाते हैं, इन्ही में से एक पौधा अपामार्ग का होता है, जिसे ओंगा, लटजीरा, चिरचिटा के नाम से भी जाना जाता है, क्या आप जानते है? इस पौधे में बहुत से आयुर्वेदिक गुण पाए जाते है, जो आयुर्वेद व व्यक्ति के दैनिक जीवन में बहुत लाभकारी होते है.
अपामार्ग का पौधा वर्षा काल में ही अंकुरित होता व बढ़ता है तथा ठण्ड के मौसम में इस पौधे में फूल और फल लगते है, व गर्मी के मौसम में यह पूर्ण रूप से पककर सूख जाता है. अपामार्ग का पौधा दो प्रकार की प्रजाति का होता है. एक लाल व दूसरा सफ़ेद, ये दोनों ही बहुत लाभदायक है, जो व्यक्ति की कई परेशानियों को आसानी से दूर कर सकते है. आइये जानते है इस पौधे के क्या लाभ है?
1. यदि रवि पुष्य नक्षत्र में सफ़ेद अपामार्ग के पौधे की जड़ को लाकर अपने व्यावसायिक स्थल पर रखते है, तो इससे आपके व्यवसाय में हो रही हानि जल्द ही लाभ में परिवर्तित हो जाती है, व व्यावसायिक स्थल पर किया गया कोई भी तंत्र निष्फल हो जाता है.
2. यदि अपामार्ग की जड़ को मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन सुबह के समय लाकर, उसे पंचोपचार विधि से पूजा कर अपने हाथों की भुजा पर बांधते है, तो हर प्रकार की विपत्ति आपसे हमेशा दूर रहती है.
3. लाल अपामार्ग की जड़ की भस्म को गाय के दूध में प्रतिदिन नियमित रूप से पीने से व्यक्ति को जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है.
4. अपामार्ग की पत्तियों को गुड़ के साथ सेवन करने से सभी प्रकार के ज्वर ठीक हो जाते है.
5. अपामार्ग के फल का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन उसका सेवन करने से व्यक्ति के मस्तिष्क के कीड़े मर जाते है और उसे कफ संबंधी रोगों से भी मुक्ति मिलती है.
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