सूरत। सूरत के अदजान इलाके में स्थित विद्या कुंज स्कूल ने शरारती बच्चों से निपटने के लिए एक अनोखा तरीका निकाला है। प्राइमरी और सेकंडरी कक्षाओं के स्टूडेंट्स को यहां नीम का कड़वा रस सजा के तौर पर पिलाया जा रहा है। स्कूल के प्रिंसिपल को लगा कि सेहत के लिए अत्यधिक लाभकारी नीम के कड़वे रस को पिलाना एक बेहतर प्रयोग हो सकता है। बदतमीज बच्चों को एक कप नीम का रस दिया जाता है और इसे एक ही बार में पूर खत्म करने के लिए कहा जाता है।
रस इतना कड़वा होता है कि मारे डर के छात्र, खासकर वे जिनसे कड़वा स्वाद बर्दाश्त ही नहीं होता, आइंदा उटपटांग हरकत करने से तौबा कर लेते हैं। प्रिंसिपल महेश पटेल बताते हैं कि "हमने पिछले बीस दिनों से यह काम शुरू किया है। ये केवल प्राइमरी और सेकंडरी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए है। रस की कड़वाहट को कम करने के लिए हम उसमें पानी मिलाते हैं।" वे इस बात से खुश हैं कि कुछ छात्रों ने उनके सामने सीधे अपनी गलती स्वीकारते हुए कड़वे रस को पीने के लिए हामी भरी।
जबकि कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो इस कड़वे रस को पीना नहीं चाहते और अब स्कूल में अभद्रता करने से बाज आना चाहते हैं। पटेल कहते हैं कि, "नीम का रस मानव शरीर के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें विषाणुओं से लड़ने का गुण होता है जो हमें कैंसर सहित कई बीमारियों से बचाता है। मैं इसे रोजाना पीता हूं और मुझे लगा कि मेरे छात्रों को भी इस तरह की सख्त लेकिन सेहतमंद सज़ा तो मिलना ही चाहिए।"
11 वीं के छात्र दिव्य शाह की मां कहती हैं, "मेरे बेटे ने घर आकर मुझे इस सजा़ के बारे में बताया। अगले दिन मैंने खुद स्कूल जाकर देखा तो इस अनोखी सजा के तरीके को देखकर दंग रह गई। वे लोग स्कूल परिसर में रोजाना रस तैयार करते हैं और क्लास में शैतानी करने वाले बच्चों को पिलाते हैं। मेरे बेटे को ऐसा रस पीना पसंद नहीं है और वह अपना होमवर्क मन लगाकर करता है।"