'इश्तेहार' पर फीलिंग्स को काबू में नहीं रख पाएं कलाकार

'इश्तेहार' पर फीलिंग्स को काबू में नहीं रख पाएं कलाकार
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वैसे तो पाकिस्तानी कलाकारों के बॉलीवुड में बैन की चर्चाएं लम्बे समय से चल रही है लेकिन किसी के भी द्वारा इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएं गए. अब केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के द्वारा  'वेलकम टू न्यूयॉर्क' में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान के गाने 'इश्तेहार' पर दिए गए बयान ने तूल पकड़ लिया है. जिसके बाद गाने के म्यूजिक कम्पोज़र ने अपनी फीलिंग्स बयां की.

अब इस मामले पर इश्तेहार का म्यूजिक कम्पोज करने वाले शमीर टंडन ने अपनी फिल्म का बचाव करते हुए सवाल किए हैं. उन्होंने कहा, सीमा पार के कलाकारों के साथ काम न करने के खिलाफ फैसला लिया जाता है तो मुझे भी इसका पालन करने में प्रसन्नता होगी. मैं सबसे आगे रहूंगा. लेकिन, शमीर टंडन ने सवाल किया कि बॉलीवुड में पाकिस्तानी गायकों का लगातार इस्तेमाल हो रहा है. 

टंडन ने कहा, मेरा कहना सिर्फ यह है कि, इन्हीं राहत फतेह अली खान ने फिल्म 'सुल्तान' में 'जग झुमेया' गाया. 'बादशाहो' में 'मेरे रश्क ए कमर' जैसे गाने इस्तेमाल हुए. तब ऐसा क्यों नहीं हुआ?  टंडन ने कहा, "या फिर, आतिफ असलम ने 'टाइगर जिंदा है' का गाना गाया. कुछ ही दिन पहले अजय देवगन की फिल्म 'रेड' के लिए भी ऐसा ही गाना जारी हुआ. इन गानों को पाकिस्तानी कलाकारों की आवाज के कारण क्यों नहीं कठघरे में खड़ा किया गया. मेरी ही फिल्म के गाने के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? क्या इसलिए क्योंकि अन्य सभी कवर वर्जन हैं और मेरा ओरिजनल? 

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