हिन्दू धर्मो में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अनेको मंत्रो का जाप किया जाता है अगर कहीं भी हवन कथा या किसी भी प्रकार कि पूजा हो तथा धार्मिक कार्यों में मंत्रो का ही जाप किया जाता है मंत्रो के बिना किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य अधूरे रह जाते है इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही मंत्रो में से गायत्री मन्त्र के बारे में बताएँगे, इस मन्त्र का सही समय पर उच्चारण करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है साथ ही मनोकामना भी पूरी होती है तो आईये चलते है इस मंत्र कि और.
लाल पुष्पों से 108 बार मन्त्र जाप के साथ आहुति देना चाहिए, ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. यदि आपको जिस दिशा में शत्रुओं का भय सताता है उस दिशा में 100 बार गायत्री मन्त्र का जाप करते हुए एक मिटटी का ढेला तैयार करें और जिस दिशा में आपको शत्रुओं का भय सताता हो उस दिशा में वह मिटटी ढेला फेकं दें ध्यान रहे मन्त्र का उच्चारण तब तक करते रहे जब तक आप ये पूरी क्रिया समाप्त न कर दें, ऐसा करने से धीरे धीरे आपका भय समाप्त होने लगेगा.
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर 100 बार गायत्री मन्त्र का जाप करें. इससे अभिचार जन्य भय से मुक्ति मिलती है. गिलोय के अंगूठे के बराबर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और इन्हें गाय के दूध में मिलाकर 108 बार गायत्री मन्त्र का जाप करें और इसे अग्नि में आहुति दें ऐसा करने से शरीर के सारे रोग नष्ट हो जाते है.
सफलता पाना हैं, तो इस तरह सेट करे अपने लक्ष्य को
बुरी नजर से बचने के लिए काले धागे का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
जिसने कर लिया मन पर काबू, वो समझ गया विधि के विधान को
ये उपाए करने के बाद आप भी हो जाओगे लोकप्रिय