नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से लगातार पूरे देश में सुर्ख़ियों में चल रहे विवादित भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आज देश के सर्व्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट एक अहम् सुनवाई करने वाली है। इस सुनवाई में पुणे पुलिस द्वारा मानवाधिकारियों के ख़िलाफ़ सबूत दाखिल किये जाएंगे जिन्हे परखने के बाद कोर्ट यह तय करेगी की इन मानवाधिकारियों को सजा मिलेगी या इन्हे मामले से रिहा कर दिया जाएगा।
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यह सुनवाई आज दोपहर (बुधवार 19 सितम्बर) में शुरू होगी। इस सुनवाई में देश के सर्व्वोच्च न्यायलय सुप्रीम के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा इस मामले का अगला फैसला किया जाएगा। इस दौरान कोर्ट पुणे पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों को परखेगी। आपको बता दें कि इस मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुणे पुलिस को यह सबूत जुटाने के आदेश दिए थे और साथ ही यह भी कहा था कि अगर पुणे पुलिस की ओर से जुटाए गए सबूत प्रयाप्त नहीं होंगे तो इस मामले की जांच की जिम्मेदारी SIT को सौंप दी जायेगी।
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आपको बता दें कि कुछ हफ्तों पहले ही महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में एक बड़ी हिंसा भड़क गई थी। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और वरवरा राव समेत कुल पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी के बाद से इस मामले में बहुत हंगामा और विरोध हुआ था जो लगातार बढ़ता ही जा रहा था। इसके बाद यह मामला सुप्रीमकोर्ट तक पहुंचा था।
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