लखनऊ : लगता है पीएम मोदी को 2019 के लोक सभा चुनाव में विपक्ष से ज्यादा अपनी ही पार्टी के लोगों से लड़ना पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अब पार्टी में ही असंतोष उभरने लगा है.खास तौर से बीजेपी के दलित सांसदों में अपनी ही सरकार की नीतियों को लेकर नाराजगी बढ़ रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब यूपी के बहराइच से बीजेपी की सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि आरक्षण को खत्म करने की साजिश चल रही है.सांसद फुले सरकार की नीतियों के खिलाफ 1 अप्रैल को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन कर रैलियों का सिलसिला शुरू करेगी.
उल्लेखनीय है कि बहराइच की सांसद फुले ने किसी नेता का नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह जरूर कहा कि पार्टी के भीतर आरक्षण को खत्म करने की साजिश चल रही है. सावित्रीबाई फुले राज्य की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों की नीतियों से नाराज हैं.फुले का कहना है, कि इस सरकार में गरीब लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं .केंद्र के अलावा यूपी की योगी सरकार के खिलाफ अजा वर्ग के सांसद ज्यादा असंतुष्ट दिख रहे हैं.इनमें सुहेलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर भी शामिल हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी ज्यादा उभरी है. ओम प्रकाश राजभर ने तो यह भी कह दिया कि योगी सभी को साथ लेकर चलने में नाकाम रहे हैं.ओबीसी समुदाय के नेता भी उपेक्षित हैं.बीजेपी के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने भी योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा पूजा पाठ करने वाले को मुख्यमंत्री बना दिया. योगी पर दलितों का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है.
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