जयपुर. देश के विभिन्न राज्यों की तरह ही राजस्थान में भी चुनाव बेहद नजदीक है। ऐसे में यहाँ की तमाम राजनैतिक पार्टियों और नेताओं ने इस चुनाव की तैयारियाँ भी तेज कर दी है। वैसे तो राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दावा कर रही है कि उसके द्वारा किये विकास कार्यों को देखते हुए राज्य की जनता इस चुनाव में भी भाजपा का ही साथ देगी लेकिन राजनितिक विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार बीजेपी की जीत इतनी आसान भी नहीं है।
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राजनीति के जानकारों के मुताबिक इस बार राजस्थान में बीजेपी की राह में सबसे बड़ी बाधा कोई अन्य पार्टी नहीं बल्कि इसी पार्टी से रूठ कर अलग हुए बागी नेता ही है। राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान की सियासत में ऐसा कोई समुदाय नहीं है जिसमे बीजेपी के बागी नहीं हैं, फिर चाहे वो गुर्जर हो ब्राह्मण हों या फिर जाट। ऐसे में इन नेताओं की नाराजगी बीजेपी को आगामी चुनावों में भारी पड़ सकती है।
बीजेपी को इन सभी बागी नेताओं में से सबसे ज्यादा खतरा राजपूत समुदाय के नेता मानवेंद्र सिंह जसोल से है। उन्होंने इसी माह ‘राजपूतों के स्वाभिमान’ को लेकर पार्टी से भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि मानवेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे यही और शिव से विधायक भी है। वे राजिस्थान के राजपूत समुदायों में बेहद लोकप्रिय भी है। इसी तरह बीजेपी को मानवेंद्र सिंह जसोल के अलावा हनुमान बेनीवाल, घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी सिंह बैंसला जैसे बागी नेता भी काफी नुकसान पंहुचा सकते है।
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