रोहिणी के विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में छापा मारकर सीबीआई ने 100 के लगभग नाबालिग बच्चियों को बरामद किया. इस आश्रम का संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण मानता था और इसलिए वह हमेशा शिष्याओं से घिरा रहता था. यही नहीं उसने 16000 महिलाओं के साथ संबंध बनाने का लक्ष्य रखा था.
अपने इस हवस से भरे लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह अनुयायी लड़कियों को संबंध बनाने के लिए आकर्षित करता था. फाउंडेशन फोर सोशल इम्पावरमेंट नाम के एनजीओ ने आश्रम के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर महिला आयोग और पुलिस की टीम आश्रम की जांच करने पहुंची. वहां उन्हें अहम सुराग बरामद हुए. पुलिस ने आश्रम से कई लड़कियों को सुरक्षित निकालते हुए दो लोगों को हिरासत में लिया है. कार्रवाई के बाद टीम ने बुधवार को हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी.
इससे पहले छापा मारने पहुंची टीम को अनुयायियों बंधक बना लिया था. टीम ने जब आश्रम कीं तलाशी ली तो बाबा के अश्लील वीडियो-किताबें, सैक्स पॉवर बढाने वाली दवाओं सहित कई आपत्तिजनक सामान मिले थे. इन्हीं विडियो में से एक वीडियो में यह खुलासा हुआ कि वीरेंद्र खुद को कृष्ण बताता और गोपियां बनाने के लिए अनुयायी लड़कियों को संबंध बनाने के लिए आकर्षित करता था.
भोपाल गैंगरेप मामले में फैसला 23 दिसंबर को