अपने जीवन में सफल तो हर इंसान होना चाहता है, सफलता की राह तो हर इंसान चलना चाहता है और इसी वजह से बहुत से लोग कई व्यापार या फिर व्यवसाय की शुरूआत करते हैं। इन्ही में से बहुत से लोग से दुकान भी खोलते हैं। अगर आप भी दुकान खोलने का मन बना रहे हैं, तो इसके लिए सबसे पहले आप वास्तुशास्त्र को जान लें। क्योंकि अगर आप वास्तु के अनुरूप दुकान की स्थापना करते हैं, तो निश्चित ही आपकी दुकान में बरकत होगी। बस इसके लिए जरूरी है कि आपको दुकान खोलने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। जो आपकी दुकान मे बरकत करने में सहायक होता है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर दुकान में बरकत पाने के लिए उसे किस प्रकार का होना चाहिए?
दुकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान आगे की ओर कम चौड़ी और पीछे की ओर ज्यादा चौड़ी है, तो इसे गौमुखी दुकान कहा जाता है। ऐसी दुकानें ठीक नहीं मानी जाती है। इनमें धन की आवक कम होती है।
यदि दुकान आगे की ओर अधिक चौड़ी और पीछे कम चौड़ी है, तो इसे सिंहमुखी दुकान कहा जाता है। बिजनेस के लिए ऐसी दुकानें अच्छी मानी जाती हैं। इनमें धन की आवक खूब होती है।
चारों कोणों से समान और वर्गाकार तथा आयताकार दुकानें शुभ मानी गई हैं। त्रिकोण, सभी कणों की अलग-अलग लंबाई-चौड़ाई या कोई कोना अधिक निकला हुआ हो तो ऐसी दुकानें अशुभ होती है। ऐसी दुकानें मालिक के लिए मानसिक परेशानी का कारण बनती है।
दुकान के मालिक या सेल्समैन का मुंह दुकान या कमर्शियल ऑफिस में बैठते समय पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। यदि काउंटर या मालिक के बैठने की सीट दक्षिण या पश्चिम मुखी है, तो कई तरह की परेशानियां बनी रहेंगी।
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