वैसे तो हंसना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। हंसने मात्र से आप अपने शरीर से जुड़ी कई सारी बिमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन शास्त्रों के मुताबिक आपका हंसना ही आपको पाप का भागीदार बना सकता है। जी हां ज्यातिषशास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी जगह भी हैं जहां पर हंसना कभी नही चाहिए। लेकिन फिर भी अगर आप वहां पर हंसते है तो आप पाप कि कैटेगिरी मे आ जाते हैं। यहां पर आज हम आपको हंसने से संबधित कुछ ऐसे ही विषय के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमे यह बताता है कि किस प्रकार से आपकी हंसी आपको पापी बना रही है तो चलिए जानते है कि कौन सी वह बाते हैं?
मन्दिर में- आप भगवन से अपने लिए प्रार्थना करने गए है, आप कुछ मांग रहे है भगवन से तो आपको बहुत शांत मन से भगवन क यद् करना चाइये नाकि हसी ठिठोली करनी चाइये।
शमशान में- कोई अपने को खो चूका है, और आप उस अवस्था में हँसे तो वो 100 पाप के बराबर है। अगर आप उस अवस्था में हँसते है तो वो उस परिवार का भी अपमान है जो शोकगुल में डूबा हुआ है।
कथा में - अगर आप किसी महा पुरुष की कथा में गए है तो कृपया वह बेथ कर जो ज्ञान वो बाँट रहे है उसे ध्यान पूर्वक सुने नाकि खुद की बाते करे।
अर्थी के पीछे- जब आप शोक यात्रा में जा रहे है तो उसमे कृपया करके हसी ठिठोली न करे ये बहुत ही गलत होगा।
शोक में- अगर आप किसी की तीये की बैठक में हो या शोक की बैठक में हो तो थोड़ा चुप बैठे वहा गप्पे नहीं मारे।
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