जन्मदिन विशेष: फिरकी का जादूगर 'आर.आश्विन'

जन्मदिन विशेष: फिरकी का जादूगर 'आर.आश्विन'
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अपनी फिरकी के जाल में बड़े-बड़े दिग्गजों को फ़साने वाले, भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकदार सितारे आर.आश्विन आज अपना 31वां जन्मदिन मना रहे है. ऑन पेपर टेस्ट का सबसे बेस्ट ऑल राउंडर कहे जाने वाले अश्विन का जन्म 17 सितम्बर 1986 को एक तमिल परिवार में हुआ था. उन्होंने चेन्नई के पद्मा सेशाद्री बाल भवन से अपनी स्कूलिंग पूरी की थी.

इंजीनियर है आर. अश्विन

खेल के साथ-साथ पढाई में भी अश्विन का खूब मन लगता था. यही कारण था कि उन्होंने क्रिकेट को अपनी पहली पसंद बनाने से पहले SNN कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक की डिग्री हासिल की. जिस तरह मेजर ध्यानचंद्र को हॉकी का जादूगर कहा जाता है, उसी तरह अश्विन को क्रिकेट का जादूगर कहना गलत नहीं होगा. बॉल से स्टंप उखड़ना हो या बॉल को स्टडियम के बाहर पहुँचाना हो , अश्विन क्रिकेट की हर कला में माहिर है. हालांकि अश्विन को यह करिश्माई हुनर विरासत में हासिल हुआ है.

माँ ने कहा स्पिन बॉलर बनो

अश्विन के पिता रविचंद्रन ने कई साल तक क्लब क्रिकेट खेला. वह फ़ास्ट बॉलिंग करते थे. इस लिहाज से देखा जाए तो अश्विन को भी फ़ास्ट बॉलर ही होना चाहिए था लेकिन इसके पीछे भी एक रोचक कहानी छुपी हुई है. दरअसल अश्विन की माँ चित्रा ने जब उन्हें बॉलिंग करते हुए देखा तो उन्हें समझा आया कि अश्विन लम्बा रनअप ले बॉल फेंकने में असहज महसूस कर रहे है तब उन्होने अश्विन को सलाह दी की वह फ़ास्ट की जगह स्पिन बॉलिंग में अपना करियर तलाशें. अश्विन ने माँ की सलाह मान ली और आज नतीजा पूरी दुनिया के सामने है.

शुरूआती करियर

आर. अश्विन ने अपने करियर की शुरुआत एक आल राउंडर के रूप में ही की. उन्होंने तनिलनाडु क्रिकेट टीम और साउथ जोन के लिए कई मैच खेले. बाद में वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स से भी खेले. उनको साल 2010 में चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ़ थे टूर्नामेंट चुना गया.

2010 में की इंटरनेशनल करियर की शुरुआत

आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करने का परिणाम यह हुआ कि उन्हें ज़िम्बाब्बे के खिलाफ टीम में शामिल कर लिया गया. 2010 में शुरू हुआ अश्विन का सुनहरा करियर पिछले सात सालों में कामयाबी की कई सीढियाँ चढ़ चूका है. टीम को जब भी जरूरत लगी, उन्होंने अपने कौशल का पूर्ण परिचय देते हुए टीम को मुश्किल घडी से बाहर निकाला.

चलिए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते है आर अश्विन के टॉप टेन दमदार रिकार्ड्स के बारे में :

1- टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले भारतीयों की लिस्ट में अश्विन का नाम पहले नंबर है. अश्विन ने इरापल्ली प्रसन्ना का रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए 18वें टेस्ट मैच 100 विकेट पूरे किए थे. गौरतलब है कि प्रसन्ना ने 20 टेस्ट मैच में यह रिकॉर्ड बनाया था.

2- अगर दुनियाभर के गेंदबाजों की आईसीसी रैंकिंग की बात की जाये तो भी अश्विन किसी से पीछे नही है. अश्विन क्रिकेट के तीनों फॉर्मेटों को मिलाकर आईसीसी रैंकिंग में पांचवें नंबर पर काबिज़ हैं.

3- अश्विन टेस्ट क्रिकेट में एक ही मैच में सेंचुरी और पांच विकेट लेने का कमाल एक बार नही बल्कि दो-दो बार कर चुके हैं और यह ऐसा करने वाले भारत के इकलौते क्रिकेटर हैं. उन्होंने यह कारनामा दोनों बार वेस्टइंडीज के खिलाफ किया है.

4- अश्विन और रोहित शर्मा के बीच 280 रनों की साझेदारी भारत की तरफ से सातवें विकेट के लिए टेस्ट में की गई अब तक सबसे बड़ी साझेदारी है. दोनों ने सातवे विकेट पर 259 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ कर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था. यह रिकॉर्ड वीवीएस लक्ष्मण और महेंद्र सिंह धौनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2010 में बनाया था.

5- दिसंबर 2012 में अश्विन ने टेस्ट में 500 रन और 50 विकेट पूरे किए थे. सबसे तेज ऐसा कमाल दिखाने वाले अश्विन दुनिया के तीसरे क्रिकेटर बन गए थे . इससे पहले यह कारनामा केवल ऑस्ट्रेलिया के जैक ग्रेगॉरी और इंग्लैंड के इयान बॉथम ही कर पाए थे. आश्विन ने 11 टेस्ट मैचों में यह कारनामा कर दिखाया था.

6- टेस्ट क्रिकेट में अश्विन अब तक सबसे ज्यादा बार (छह बार) मैन ऑफ द सीरीज चुने जा चुके है. उन्होंने अपने इस करिश्मे का बाद किकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को भी पीछे छोड़ दिया है. गौरतलब है कि सचिन और सहवाग पांच बार मैन ऑफ द सीरीज रह चुके हैं.

7- अपने डेब्यू टेस्ट में 'मैन ऑफ द मैच' बनने के मामले में आर अश्विन चौथे भारतीय क्रिकेटर है. उनसे पहले नरेंद्र हिरवानी, प्रवीण आमरे और आर.पी. सिंह ऐसा कर चुके थे. अश्विन के बाद रोहित शर्मा और शिखर धवन का नाम ही इस लिस्ट में शुमार है.

8- एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय भी आर अश्विन ही हैं. उन्होंने 2012-13 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 28 विकेट लिये थे. इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व कप्तान अनिल कुंबले के नाम दर्ज था. जिन्होंने 2004-05 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 27 विकेट लिये थे.

9- टेस्ट क्रिकेट में विकेट की सेंचुरी हो या बल्ले से सेंचुरी या फिर पांच विकेट लेने का कारनामा, यह सब रिकॉर्ड अश्विन के नाम ही दर्ज है.

10- आईसीसी रैंकिंग में टॉप टेन में सबसे कम समय में शुमार होने का भी रिकॉर्ड भी अश्विन के ही नाम दर्ज है.

30 साल पहले चेन्नई के इसी स्टेडियम पर ऑस्ट्रेलिया ने दी थी इंडिया को शिकस्त

जब युवराज सिंह ने की थी ऑस्ट्रेलिया की जमकर धुनाई

शिखर धवन- डेविड वार्नर एक-दुसरे के रिकॉर्ड के काफी करीब

 

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