नई दिल्ली। पूरे विश्व में चलने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन का मूल्य पहली बार 12 हजार डॉलर के पार चला गया। इससे पहले 29 नवंबर को यह 10 हजार डॉलर का हो गया था। इसके इस स्तर पर पहुंचने के साथ ही आरबीआई ने भारत में निवेशकों का आगाह कर दिया है। आरबीआई ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि इसका प्रयोग करने वाले आने वाले खतरों से आगाह रहें। इससे जो भी आर्थिक, सामाजिक, आॅपरेशनल, कानूनी नुकसान अगर होता है तो इसके जिम्मेदार वो खुद होंगे।
गूगल फाइनेंस के डेटा के अनुसार बिटक्वाइन का बुधवार को मूल्य 12285 डॉलर के पार चला गया है। पिछले एक महीने में बिटक्वाइन की कीमत दोगुना हो गया है। लक्जमबर्ग आधारित बिटक्वाइन एक्सचेंज के मुताबिक बिटक्वाइन ने इस साल अपना सफर 1000 डॉलर से शुरू किया था यानी जनवरी की शुरूआत में एक बिटक्वाइन के बदले 1000 डॉलर मिलते थे।
बिटक्वाइन की शुरूआत 2009 में एक इनक्रिप्टेड सॉफ्टवेयर के साथ हुई। माना जाता है कि इस सॉफ्टवेयर का कोड एक साधारण व्यक्ति ने लिखा था, जिसका नाम जापानी नाम से मिलता-जुलता है। बिटक्वाइन की हालांकि कोई वैधानिक विनिमय दर नहीं होती है। इसे किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का समर्थन प्राप्त नहीं है। कई देशों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। इसकी ट्रेडिंग एक विशेष प्लेटफॉर्म पर होती है। इसके सहारे आप लंदन में एक ग्लास बियर से लेकर मेनीक्योर तक के लिए भुगतान कर सकते हैं। इस करेंसी में हालांकि लेन-देन कम और ट्रेडिंग ज्यादा हो रही है।
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