शाहरुख़ खान की आने वाली फिल्म जीरो पर कोर्ट का मामला चल रहा है जिसमें मेकर्स के खिलाफ सुनवाई को 30 नवंबर के लिए टाल दिया है. दरअसल, सिख समुदाय ने शाहरुख और 'जीरो' के मेकर्स के खिलाफ याचिका दायर की है. उनका दावा है कि 'जीरो' के ट्रेलर्स सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करते हैं. इसी मामले में एडवोकेट अमृत सिंह खालसा ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर की थी. उन्होंने इसमें फिल्म के वे सीन हटाने की मांग की गई है, जिनमें शाहरुख खान को सिखों का कृपाण पहने दिखाया गया है.
आपको बता दें, याचिका में मांग की गई है कि अदालत फिल्म के निर्माता और निर्देशक को ये सीन हटाने का आदेश दे. याचिका में सेंसर बोर्ड से भी अपील की गई है कि जब तक फिल्म में से ये सभी सीन नहीं हटा लिए जाते, जब तक इस फिल्म को हरी झंडी न दी जाए. वहीं एडवोकेट खालसा ने सोमवार को इस मामले में दो जजों वाली अदालत की बेंच के समक्ष इस मामले पर बहस की है.
फिल्म में कई ऐसे सीन है जिससे उनका कहना है कि ये सिख को की धार्मिक भावनाएं आहात हुई है. इस याचिका में शाहरुख खान के किरदार के बारे में बताया गया है. फिल्म के ट्रेलर में शाहरुख को कच्छा पहने और गले में 500 के नोट की माला पहने दिखाया गया है. इसके साथ ही उन्हें कृपाण पहने भी दिखाया गया है जिससे सिख समुदाय को इसी सीन पर आपत्ति है. एडवोकेट ने इस सीन को गलत ठहराते हुए कृपाण के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बताया है. उनका कहना है कि सिख समुदाय में कृपाण को 'रहत मर्यादा' की रस्म पूरी करने के बाद धारण किया जाता है. अब देखना होप्ग कोर्ट इस मामले में क्या फैसले लेती है.
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