नई दिल्ली : दीपावली पर चीनी सामान के बहिष्कार का आव्हान किये जाने को स्वीकार कर भारतीयों द्वारा चीनी सामान नहीं खरीदे जाने से चीनी सामान की भारत में लगातार घटती बिक्री से प्रभावित हो रहे चीन ने गुरुवार को कहा कि इससे चीन की इकाइयों का भारत में निवेश तथा दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग प्रभावित हो सकता है.
गौरतलब है कि नई दिल्ली में चीन के दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस तरह के किसी बहिष्कार का उसके देश के निर्यात पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा उल्टा इसका सबसे ज्यादा नुकसान भारत के व्यापारियों और ग्राहकों का होगा क्योंकि उनके पास कोई समुचित विकल्प नहीं है. चीन ने यह भी कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक देश है और 2015 में उसका निर्यात 2276.5 अरब डॉलर के बराबर था और भारत को किया गया निर्यात इसका मात्र दो प्रतिशत था.
दरअसल भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव और इसमें चीन के पाकिस्तान के प्रति झुकाव के चलते भारत में बहिष्कार की बात उठी थी, जबकि भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर ऐसे किसी बहिष्कार की बात नहीं कही गई है, लेकिन खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट (कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने हाल ही में कहा था कि दीपावाली पर चीनी वस्तुओं के आयात में इस साल 30 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है. वैसे बता दें कि चीन अपनी सस्ती वस्तुओं के साथ विश्व बाजार में बड़ा निर्यातक बन चुका है.