देश में जल्द ही इस वर्ष का बजट पेश होना हैं. और इसे लेकर हर वर्ग के व्यक्ति को काफी उत्सुकता और सरकार से काफी उम्मीदे हैं. इस वर्ष का यह बजट 2019 से पहले ये मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. बजट के तहत शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखे जाने की बात अभी से तेज हो गयी है.
कारोबारी और उद्योग संगठन एसोचैम ने वित्त मंत्री को एक पत्र लिखा है. पत्र के मुताबिक, जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला बजट है. अब समय आ गया है जबकि खामियों को सुधारा जा सकता है. इससे पहले, शिक्षा क्षेत्र के लिए सेवा टैक्स में लगातार संशोधनों से ऐसी स्थिति बनी है.
कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर के निवासी आइजक पी इलियास ने कहा है कि, इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरूरत है. सरकार एजुकेशन सेस के जरिये काफी पैसा ले रही है. लेकिन एक बड़ा सवाल है कि उस पैसे का इस्तेमाल कितने प्रभावी तरीके से किया जा रहा है. मैं उम्मीद करता हूं कि वित्त मंत्री इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे.
दिल्ली की एक छात्रा धमनदीप का कहना है कि, देश के विकास के लिए सबसे जरूरी शिक्षा है. और गरीबों को भी पूरी शिक्षा लेने का हक है. एजुकेशन लोन पर ब्याज दर कम होनी चाहिए ताकि सभी वर्गों के लोगों को शिक्षा मिल सके.
क्या बजट में दिखेगी आर्थिक सुधारों की झलक ?