नई दिल्ली : नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में आम आदमी के घर के सपने को साकार करने के लिए बिल्डरों द्वारा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का खुलासा 11 बिल्डरों की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. जिसमें यह कहा गया है कि बिल्डरों ने ग्राहकों का रुपया उस प्रोजेक्ट में न लगाकर किसी अन्य प्रोजेक्ट्स में लगा दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्राधिकरण ने नोएडा के 14 बिल्डरों के ऑडिट जांच की थी.
बता दें कि प्राधिकरण द्वारा इस कार्य हेतु एम.एन.सी. कम्पनी करी एंड ब्राऊन इंडिया को अनुबंधित किया था. जिसने अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी. इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 11 बिल्डरों ने खरीदार का रुपया प्रोजेक्ट में न लगाकर किसी अन्य प्रोजेक्ट्स में लगा दिया.प्राधिकरण ने पहले चरण में 14 बिल्डर के 36,000 फ्लैट का ऑडिट कराया.जिसमें यह गड़बड़ी सामने आई. यहां तक की इन बिल्डरों ने प्राधिकरण की बकाया राशि भी अभी तक जमा नहीं कराई है . इस पर इन बिल्डरों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि नोएडा में करीब 94 बिल्डर प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिसमें आम आदमी ने एक घर का सपना साकार करने के लिए बिल्डर के पास किस्तों में पूरी रकम बैंक लोन व अन्य कर्ज लेकर जमा की थी. लेकिन बिल्डरों ने धोखा दे दिया. जिन बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है उन्होंने करीब 1500 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है, इसी कारण ग्राहकों द्वारा राशि जमा करने के बाद भी उन्हें घर नहीं मिल सका है. अभी और भी बिल्डरों का ऑडिट बाकी है. जिसकी रिपोर्ट आने पर और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.फंसे हुए कई बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित करने की कोशिश में हैं.जिन बिल्डरों को नोटिस भेजा है उनमें लॉजिक्स सिटी डिवैल्पर्स,यूनिटैक लि.,रैडफोर्ट जहांगीर प्रापर्टीज जैसे 11 बिल्डर शामिल है.
यह भी देखें
प्रदूषण फैलाने वाले बिल्डरों पर लगा जुर्माना
आईटी ने पकड़ा फर्जी रिफंड क्लेम का घोटाला