नई दिल्ली : यूं भले ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अपने आपको प्रचार-प्रसार से बचाने और यर्थाथ के धरातल पर कार्य करने की दावा करती हो, लेकिन असल में स्थिति अलग ही सामने आई है। बताया जाता है कि केजरीवाल सरकार ने एक ही विज्ञापन को लेकर भारी भरकम रकम खर्च की है, इस पर शासकीय आॅडिटर सीएजी अर्थात कैग ने सवाल खड़े किये है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर किये गये खर्च का पूरा हिसाब नहीं दिया है।
हालांकि सरकार ने सौ करोड़ का हिसाब जरूर दिया है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर 33.4 करोड रूपये का खर्च किया है। राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार-प्रसार के लिये वैसे तो विज्ञापन किये जाते है और इसे लेकर अच्छा खासा खर्च भी होता है, लेकिन लगता है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकान ने एक ही विज्ञापन पर इतनी बड़ी रकम खर्च कर अन्य सभी राजनीतिक दलों को विज्ञापन के मामले में पीछे छोड़ दिया है।
साल भर के भीतर इतना खर्च
कैग ने जिस रिपोर्ट को सौंपा है, उसमें यह बताया गया है कि केजरीवाल सरकार ने अपने शासन के पहले ही साल के भीतर प्रचार-प्रसार के लिये इतना भारी खर्च किया है। जिस विज्ञापन की बात यहां हो रही है, उसमें केजरीवाल सरकार की योजनाओं और काम-काज का प्रचार-प्रसार किया गया। कैग की यह रिपोर्ट करीब 55 पृष्ठों की बताई गई है। विज्ञापन के लिये दिल्ली ही नहीं अन्य शहरों में भी खर्च किया गया है। विज्ञापन के मामले में बीते दिन आप और भाजपा के बीच बहस होने की खबर मिली है।