नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) जल्द ही नोटबंदी के प्रभावों का अंकेक्षण (ऑडिट) करेगा. यह बात कैग शशिकांत शर्मा ने एक साक्षात्कार में कही.इस ऑडिट के तहत नोटबंदी के वित्तीय प्रभाव से संबंधित मुद्दों,ख़ास तौर से इसके कर राजस्व पर पड़े असर का अंकेक्षण किया जाएगा जिसमें नोटों की छपाई पर खर्च, रिजर्व बैंक के लाभांश भुगतान और बैंकिंग लेनदेन आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि कैग नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर राजस्व का ऑडिट करने की भी तैयारी में है.कैग शर्मा ने खुलासा किया कि सुप्रीम कोर्ट के दूरसंचार मामले में 2014 के फैसले से सिद्धान्त पुष्ट हुआ है कि निजी क्षेत्र की कंपनियां जहां भी राजस्व सृजन के लिए सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग करेंगी, तो वहां राजस्व में समुचित हिस्सा मिल रहा है या नहीं, यह देखने की जिम्मेदारी कैग की है.
बता दें कि वे निकाय व प्राधिकरण जिनका सरकार के राजस्व व खर्च से किसी भी तरह का संबंध है, कैग के ऑडिट के दायरे में आते हैं,जबकि शहरी विकास निकाय, बिजली वितरण कंपनियां और मेट्रो निगम कैग के ऑडिट का विरोध करते रहते हैं.नरोद्धार का भी ऑडिट कर रहा है.जिसकी रिपोर्ट वर्षांत तक तैयार होगी.
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